पवित्र नदी यमुना का उदगम होता है यमनोत्री के चम्पासर ग्लेशियर से । यह स्थान बंदर पूंछ पर्वत पर समूदर तट से 3300 मीटर की उंचाई पर स्थित है भौगोलिक आंकडो के मुताबित चम्पासर ग्लेशियर लगभग 4421 मीटर उंचाई पर है जहां से यमुना का उदगम होता है।
यमनोत्री की यात्रा बहुत कठिन है ओर जो यह यात्रा करने मे सफल होता हे वह जीवन मे हर काम मे सफल होता है । घने जंगलो से होकर जाने वाले दुर्गम रास्तो पर चलने के लिऐ घोडे ओर खच्चर की सवारी का सहारा लेना पडता है।
यमनोत्री हिन्दु धर्म के प्रमुख चार तीर्थ स्थलों मे से एक है । ओर हर ऐक हिन्दू यहां की यात्रा करना चाहता है।

यमनोत्री कैसे पहुंचे-
यमनोत्री की यात्रा मुस्किल जरूर है लेकिन यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है । यहां के लिऐ डेली बस सुविधांऐ है यदि आप हवाई मार्ग से सफर चाहते हैं तो जोलिग्रांट तक हवाई यात्रा के बाद टेक्सी ओर केब सेवा 24 घण्टे उपलब्द रहती है। यह आपको हनुमान चट्टी तक सुरक्षित यात्रा अनुभव दिलाऐंगे । रेलमार्ग से जाने पर निकटतम स्टेशन त्रषिकेश है ओर श्रषिकेश से हनुमान चट्टी के लिऐ यात्रा सीजन पर विशेष सुविधांऐ होती हैं ।
यमनोत्री जाने का समय-
यमनोत्री धाम शर्दियों के लिऐ बन्द हो जाता है । मई महिने के प्रारम्भ से यहां का मार्ग खोल भक्तों के लिऐ खोल दिया जाता है। मई ओर जून में लोग बहूत जादा पैमाने पर यहां आते हैं। यहां जुलाई अगस्त में यात्रा भूष्खलन से प्रभावित हो जाती है लिकिन सितम्बर अक्टूबर में यात्रा का उचित समय माना जाता है। नवम्बर दिसम्बर मे भारी वर्फबारी के चलते यहां यात्रा सम्भव नही हो पाती ।
क्या होगा यहां का आकृषण-
मां यमुना का उदगम स्थान ओर यमनोत्री दर्शन के साथ साथ यहां आप बहुत कुछ प्राकृतिक सोन्दर्य से भरपूर जगह घूम सकते हैं
यहां यमनोत्री के करीब खरसाली गांव घुमने जाने पर कई प्राकित झरने देखने को मिलेंगे । दिव्य शिला जो कि यमनोत्री के पास ही है लोग यहां पर दिव्य शिला की पुजा जरूर करते हैं
यहां के आस पास के प्रमुख स्थानों मे सुर्यकुण्ड भी प्रमुख हैं यह गर्म पानी का खौलता हुआ कुण्ड है यहां लोग प्रसाद के रूप में आलू ओर चावल पकाकर खाते है यह सत्य रूप से एक अनौखी जगह है।
इसके अलावा हनुमान चट्टी ऐक लोकप्रिय प्रयटन स्थल है । आप यहां रूक कर अपनी यात्रा यादगार बना सकते हैं यह ऐक जानी मानी ट्रेकिंग साईट है।
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