अपनी मांगों के समाधान को लेकर शिक्षा प्रेरक पिछले कई दिनों से राजधानी में आंदोलनरत हैं। मांग पूरी न होने से उनमें आक्रोश बढ़ता जा रहा है। उन्होंने धरना स्थल पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। इस अवसर पर संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सुनील दत्त त्रिपाठी ने कहा कि शिक्षा प्रेरक साक्षर भारत कार्यक्रम में निरक्षर लोगों को साक्षर करने का कार्य 2010 से लगातार पूर्ण निष्ठा के साथ करते आ रहे है लेकिन जिसके लिए मानदेय दो हजार केन्द्र सरकार एवं एक हजार राज्य सरकार से मिलना तया है जो की समय पर नहीं मिलता है और पिछले जून 2016 से वर्तमान समय तक नहीं मिल पाया है, जिससे उनके समक्ष रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है।
इस बढती महंगाई में तीन हजार रूपये अल्प मानदेय में कार्य करना बहुत ही मुश्किल हो रहा है और इस मानदेय मंे बढोत्तरी की नितांत आवश्यकता है। उनका कहना है कि शीघ्र ही कार्यवाही न होने पर विधानसभा, सचिवालय एवं शिक्षा मंत्री के आवास कूच किया जायेगा और इसके लिए रणनीति तैयार की जायेगी। वक्ताओं ने कहा कि शिक्षा प्रेरकों का मानदेय सरकार के घोषणा पत्र के अनुसार तीन हजार से बढाकर पन्द्रह हजार किये जाने, अन्यथा की स्थिति में योग्यतानुसार समस्त शिक्षा प्रेरकों को अन्य विभागों में समायोजित किये जाये और 19 माह से रूके हुए मानदेय का तत्काल प्रभाव से भुगतान किये जाने की मांग शामिल है।
उनका कहना है कि इन समस्याओं का समाधान शीघ्र ही नहीं किया गया तो सड़कों पर उतरकर जनांदोलन किया जायेगा। उनका कहना है कि सरकार उनके हितों के लिए किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं कर पा रही है जिससे उनमें रोष बना हुआ है। उनका कहना है कि सरकार की हठधर्मिता के खिलाफ आंदोलन को और तेज किया जायेगा और शीघ्र ही शिक्षा मंत्री अरविन्द पांडेय के आवास का घेराव किया जायेगा। ')}