आज से पुरे उत्तराखंड में बच्चों को भीख देना अफराद की श्रेणी में गिना जाएगा| राज्यपाल डॉ केके पॉल ने शनिवार से भिक्षावृति प्रतिषेद अधिनियम को पुरे राज्य में लागू करने के निर्देश दिए हैं अब आप धार्मिक स्थानों सहित सार्वजानिक स्थानों पर भी बच्चों को भीख नहीं दे सकते यदि आप ऐसा करते हैं तो आप अफरादी माने जायेंगे.
हाइकोर्ट ने दिसम्बर 2016 से धार्मिक स्थलों पर पहले से ही भीख मांगना निषेध कर रखा है सभी पूजा स्थलों पर भी भीख मांगने पर भी रोक लगा रखी थी हरीद्वार में यह नियम पहले से ही लागु है और इसे और सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं
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आज से पुरे प्रदेश में छोटे बच्चों द्वारा भीख मांगना और भीख देना दोनों प्रतिबंधित हो गया है यदि आप किसी बच्चे को भीख देते पकडें जाते हैं तो आपको जेल की हवा तक खानी पड़ सकती है साथ ही जुर्माना की रकम भी अदा करनी पढ़ सकती है प्रत्येक जिलाधिकारी को शासन की और से इस क़ानून को सख्ती से अनुपालन करने के निर्देश दिए गए हैं ')}