उत्तराखंड के एक बेटे में सेना में लेफ्टिनेंट बनकर दिखाया तो मां सपना साकार हो गया, साथ ही शहीद पिता को सबसे पहले सलूट कर बेटा भारतीय सेना का हिस्सा बना।
नई टिहरी के चंबा ब्लॉक के कोट मनियार गांव के सौरव चंद रमोला को ओटीए (ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी) गया (बिहार) में पासिंग आउट परेड में भारतीय सेना का हिस्सा बनने और सेना की वर्दी पहनने का मौका मिला।
सौरव चंद रमोला ने कठिन मेहनत कर आखिरकार मुकाम हासिल कर लिया। टिहरी और प्रदेश का नाम रोशन करने वाले सौरव के पिता 2001 में शहीद हुए थे। आउट परेड में सौरव ने जैसे ही सेना की वर्दी पहनी, तो मां विमला देवी का खुशी का ठिकाना न रहा। पूरे परिवार ने पीओपी में लेफ्टिनेंट सौरव सिंह रमोला को कंधों पर उठाकर खुशी का इजहार किया।
सौरव के पिता गढ़वाल रायफल में तैनात सौरव के पिता सूबेदार राजेंद्र चंद रमोला ड्यूटी करते समय 2001 में कारगिल में शहीद हो गए थे। उस वक्त सौरव की उम्र महज चार साल की थी। सौरव ने 2012 में चंबा के कार्मल स्कूल से दसवीं पास किया, जबकि 2014 में इंटरमीडिएट देहरादून के समर वैली स्कूल से पास कर टेक्नीकल एंट्रेंस स्कीम की प्रवेश परीक्षा दी।
उसके बाद 2015 में सौरव का चयन टीईएस के लिए हुआ। चार साल का कठिन प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद सौरव शनिवार को लेफ्टिनेंट बन गए। बिहार के गया में पीओपी के दौरान उनकी मां विमला देवी सहित बहनोई लोकेंद्र राणा, राकेश बिष्ट, भूपेंद्र पंवार, दीपक कैंतुरा, लोकेंद्र पंवार, नामिता, नीलम, कविता, कुसुम और प्रीति मौजूद रहे।