बागेश्वर: उत्तराखंड के बागेश्वर जिले के गरुड़ तहीसील ग्राम पचना पट्टी के एक अभियुक्त विनोद कुमार पर दुष्कर्म, आत्महत्या के लिए प्रेरित करना व गर्भ में पल रहे बच्चे को मारने के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश शमशेर अली की अदालत ने आरोपित को दोष सिद्ध किया है। अब 15 मई को अदालत इस मामले में सजा पर फैसला सुनाएगी।
ये था मामला-
डंगोली पुलिस चैकी क्षेत्र की निवासी एक लड़की पंतनगर में नौकरी करती थी। अभियुक्त विनोद कुमार पर आरोप है कि उसने लड़की को प्रेम जाल में फसाया। शादीशुदा होने के बाद भी उसे पंतनगर से भगाकर ले गया। इस दौरान उसने युवती से कई बार दुष्कर्म किया। जिससे वह गर्भवती हो गई। अभियुक्त ने पीड़िता को शादी करने का आश्वासन दिया था। जिस कारण उसने विरोध नहीं किया। बाद में अभियुक्त उसे उसके घर छोड़ आया। बाद में युवक का बर्ताव देख युवती अभियुक्त के घर ग्राम पचना आ गई।
जहां पूरी बात बताने पर अभियुक्त के परिवार ने पीड़िता को समझौता करने के लिए कहा। लेकिन अभियुक्त के शादीशुदा होने तथा एक बेटी का पिता होने के कारण उनका राजीनामा नहीं हो सका। इसके बाद पीड़िता ने 13 नवंबर 2017 रात्रि में अभियुक्त के घर पर ही छत से लटककर फंदा लगा लिया। जिसमें उसकी मृत्यु हो गई।
पीड़िता के फंदा लगाने के बाद 14 नवंबर को राजस्व पुलिस सूचना पाकर मौके पर पहुंची। इसके बाद पीड़िता का शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। पोस्टमार्टम में मृतका के बच्चेदानी में एक भ्रूण प्राप्त हुआ। जिसे रासायनिक परीक्षण के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला देहरादून भेजा गया। परीक्षण की रिपोर्ट के अनुसार अभियुक्त ही उक्त भ्रूण का जैविक पिता पाया गया। इसके बाद मामले की विवेचना सामान्य पुलिस को सौंप दी गई। ')}