उत्तराखंड के नैनीताल के रहने वाले भुपाल सिहं सोमवार देर रात जम्बू कश्मिर के कुपवाडा में आंतकियों से लोहा लेते
शहीद हो गये । भूपाल सिहं हल्द्वानी के लामाचौड़ क्षेत्र मे गुनीपुर जिवानन्द गांव के रहने वाले हैं उनका अन्तिम संस्कार उनके पैत्रिक गांव मे पुरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाऐगा।
भूपाल सिहं होनहार सिपाई थे वे 24 साल के अपने परिवार मे इकलौता चिराग थे। पिता केशर सिहं बिमार हैं ओर घर मे मां ओर दो बहिने हैं जिनका रो रो कर बुरा हाल है।
आर्मी व प्रशासन के अफसर सांत्वना देने के लिए शहीद के घर पहुंचे व परिजनों को ढांढस बंधाया। जवान का पार्थिव शरीर श्रीनगर पहुंचा है। यहां से गुरूवार सुबह तक हल्द्वानी पहुंचने की संभावना है।
मूल रूप से बागेश्वर जिले के लेटी गांव निवासी सेवानिवृत्त फौजी केशर सिंह डियाराकोटी यहां लामाचौड़ के गुनीपुर जीवानंद में परिवार के साथ रहते हैं। वह एक निजी स्कूल में सुरक्षा गार्ड हैं। उनका सबसे बड़ा बेटा भूपाल सिंह डियाराकोटी सेना में लांस नायक क्लर्क था। जैसे ही खबर परिवार वालों को मिली जिसके बाद शहीद के गांव में संनाटा पसरा गया है।
मूल रूप से बागेश्वर जिले के लेटी गांव निवासी सेवानिवृत्त फौजी केशर सिंह डियाराकोटी यहां लामाचौड़ के गुनीपुर जीवानंद में परिवार के साथ रहते हैं। वह एक निजी स्कूल में सुरक्षा गार्ड हैं। उनका सबसे बड़ा बेटा भूपाल सिंह डियाराकोटी सेना में लांस नायक क्लर्क था। जैसे ही खबर परिवार वालों को मिली जिसके बाद शहीद के गांव में संनाटा पसरा गया है।
शहीद के पिता अस्पताल में भर्ती हैं पुत्र की मृत्यु का समाचार सुनकर उनके उपर सारे दुखों का पहाड़ गिर पड़ा है।
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