उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री और आध्यात्मिक गुरू सतपाल महाराज की डोली पर यात्रा उनके प्रसंशको को नही भायी मंत्री जी को अक्षय तृतीया ने दिन यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के समय पर मंदिर तक पहुंचना था। मकसद था यात्रा की तैयारियों का जायजा लेना साथ ही मंत्री जी मंदिर के कपाट खुलने के समय पर वरिष्ठ अतिथि के रूप में पहुंचना चाहते थे लेकिन कुछ दूर चलने के बाद सतपाल महाराज हांफने लगे तो वो एक व्यक्ति के कंधों पर सवार हो गए।
सतपाल महाराज ये भूल गए कि वो एक मंत्री हैं और वो भी उस विभाग के जिसका काम ही पहाड़ों के उन रास्तों पर चलना है जो जनता के लिए बनाए गए हैं लेकिन मंत्री जी ने पैदल ना चलकर डोली पर चढ़कर लगभग 6 किलोमीटर का रास्ता तय किया। मंत्री जी को उठाने के लिए लगभग 6 लोगों को एक साथ डोली पर कंधा लगाना पड़ रहा था। जब वो थक जाते तो दूसरा दल मंत्री जी की सेवा में लग जाता।
मंत्री जी के साथ चल रहे उनके सुरक्षाकर्मी और बाकी लोग पैदल चल रहे थे। अब सवाल ये है कि मंत्री जी ने डोली में बैठे-बैठे कैसे तैयारियों का निरीक्षण किया होगा।
साथ ही अब ये फोटोज जब सोसियल मीडिया पर वायरल हो रही है तो लोगों ने सतपाल महाराज पर तंज कसना भी शुरू कर दिया । कुछ लोगों का मानना है कि सतपाल महाराज को कोई साधारण सा विभाग लेना चाहिऐ जिसके लिऐ उन्हे देहरादून से बाहर ना जाना पड़े
वहीं कुछ लोग इस फोटो की तुलना मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिहं की उस घटना से कर रहे हैं जब मुख्यमंत्री शिवराज सिहं बाढ़ के पानी से बचने क लिऐ सुरक्षा गार्डों के कधों पर लटक के चले थे। ')}