चैखुटिया गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाए जाने की मांग को लेकर गैरसैंण में आंदोलन पर डटे आंदोलनकारियों का गुस्सा पूरे ऊफान पर है। आक्रोशित आंदोलनकारियों ने गैरसैंण-कर्णप्रयाग नेशनल हाईवे जाम लगाकर वाहनों की आवाजाही ठप कर दी। इससे सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गई तथा भराड़ीसैंण-गैरसैंण में विधानसभा सत्र के चलते पुलिस प्रशासन के पसीने छूट गए। प्रशासन ने गैरसैंण को छावनी में तब्दील कर दिया गया।
करीब सात घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस फोर्स ने बल पूर्वक जाम खोला गया। गैरसैंण राजधानी के सवाल पर कोई पहल न होने से गुस्साए आंदोलनकारी सुबह करीब 10 बजे गैरसैंण बाजार के मुख्य तिराहे पर सड़कके बीचों बीच बैठ गए एवं नारेबाजी करने लगे। देखते ही देखते सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गई। इससे सैकड़ों यात्रियों के साथ ही कई अधिकारी भी जाम में फंस गए। इस दौरान रूक रूक कर बारिश भी होती रही, मगर आंदोलनकारी टस से मस नहीं हुए।
पुलिस प्रशासन ने मनाने के तमाम प्रयास भी विफल रहे। यहां तक कि बाइक सवारों को भी नहीं जाने दिया। इस दौरान कई बाइक सवारियों के साथ तीखी नोकझोंक भी हुई।दोपहर 2 बजे एसपी चमोली ने पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया तथा जाम खुलवाने का आग्रह किया, लेकिन आंदोलनकारी नहीं माने। यहां तक आंदोलनकारियों ने 3 बजे सड़क पर बैठकर ही भोजन किया। शाम करीब 4 बजे एकाएक तिराहे पर भारी संख्या में पुलिस फोर्स जमा हो गई एवं उन्हें उठाने का प्रयास करने लगे।
इससे पुलिस व आंदोलनकारियों के बीच जबरदस्त झड़प हो गई। देखते देखते पुलिस ने बल का प्रयोग कर आंदोलनकारियों को उठाकर वाहनों में भरना शुरू कर दिया। इस दौरान पुलिस बल तमाम नियम कायदे तोड़ते दिखी। कई को सड़क पर घसीट लिया तथा महिलाओं को भी नहीं बक्शा गया। पुलिस बर्बरता के इस मंजर ने राज्य आंदोलन की याद ताजा कर दी। पूरे सात घंटे जाम रहने के उपरांत सायं 5 बजे यातायात सुचारू हो गया। इसके साथ ही यात्रियों ने राहत की सांस ली। ')}