उत्तराखंड की नारी शक्ति ने एक बार बार फिर चिपको आन्दोलन की याद को ताजा कर लिया है, यहाँ उत्तरकाशी जिले के डांग गांव की महिलाओं ने सडक को लेकर कट रहे जंगल का चिपको आन्दोलन की तर्ज पर पेड़ पर चिपक कर विरोध किया है।
दरअसल इस गांव के जंगल से दुसरे गांव पोखरी के लिए जाने वाली सड़क का मार्ग का निर्माण होना है, सर्वे भी जंगल के रास्ते किया गया है जिसमे सेकड़ों पेड़ काटे जाने हैं जिसका डांग गांव वाले विरोध कर रहे हैं, आपको बता दें कि पोखरी गांव के लिए मोटर मार्ग का समरेखण बदलने की मांग को लेकर ग्रामीण लंबे समय से आन्दोलन कर रहे हैं।
ग्रामीण महिआलों के अनुसार सड़क को खेतों के रास्ते गांव तक पहुचाने की जगह जंगल से ले जाया जा रहा है। जबकि इसके लिए वो अपनी खेत देने के लिए तैयार हैं लेकिन वो जंगल को बिलकुल भी काटने नहीं देंगे। महिलाओं का मानना है कि यदि इस गांव लिए जानी वाली सड़क के लिए पेड़ काटे जाते हैं तो गांव उनका गांव ना सिर्फ भूस्खलन के खतरे में आ जायेगा बल्कि उनका जंगल भी समाप्त हो जाएगा।
सोशल मीडिया पर इस तस्वीर की तारीफ करते हुए लोगों ने इसे नया चिपको आन्दोलन का रूप माना है वास्तव में डांग गांव के ग्रामीणों का जंगल बचाने के लिए आगे आना प्रेरणादायी है। इस गांव के लोगों का साफ़ कहना है कि वो सड़क जाने का विरोध बिलकुल भी नहीं कर रहे हैं, वो सिर्फ सरकार को ये सन्देश देना चाहते हैं कि जब सडक खेतों से होकर जा सकती है तो आखिर पेड़ों की बलि देना जरूरी क्यों है? ')}