कभी नशे की लत का शिकार और चोरी के आरोप में जेल गए अर्चित शर्मा की सजा अब राज्यपाल ने माफ़ कर दी है। दून पुलिस ने हाथ थामकर उसे मुख्य धारा में लाकर जीवन जीने की ललक पैदा की। उसकी काउंसलिंग कर उसके मन में सकारात्मक भाव उत्पन्न गए जिससे प्रेरित अर्चित ने वो राह अपनाई जिससे अब उसकी कहानी कई अन्य लोगों के लिए मिसाल बन गई है। दून पुलिस ने युवक की इस दिलचस्प वाकये को फेसबुक पेज पर शेयर किया है। आगे पढ़िए
दरअसल, अर्चित शर्मा(21) पुत्र राम मोहन शर्मा निवासी तर्ली कंडोली राजपुर रोड देहरादून 2019 में गुरु राम राय पब्लिक स्कुल में 12 वीं का छात्र था। नशेडी युवकों की संगत में पड़ने के कारण अर्चित शर्मा नशा करने लग गया और फिर उसे नशे की लत लग गई, वह तरह-तरह के बहाने बनाकर घर से व रिश्तेदारों से पैसे मांग कर स्मैक पीता एवं अपने दोस्तो को भी पिलाता था।
इसके बाद घरवाले उसकी इस लत से परेशान हो गए, उसे पुणे उसके मामा के पास भेजा गया लेकिन उसकी नशे की लत नहीं टूटी और वह घर वापस आ गया। एक दिन उसने अपने रिश्तेदारों के घर में चोरी कर डाली। इससे खफा होकर परिजनों और रिश्तेदारों ने उसके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कर लिया। पुलिस ने जून 2019 में अर्चित शर्मा को गिरफ्तार कर चोरी किए गए माल की बरामदगी कर ली और अर्चित शर्मा को न्यायालय में पेश करने के उपरांत जेल भेजा गया।
एक अप्रैल 2020 को कोविड-19 संक्रमण के दृष्टिगत अर्चित पेरोल पर जेल से छूटकर आया किंतु अर्चित के माता जी, नाना जी, नानी जी ने उसे घर में आने से बिल्कुल मना कर दिया। उन्होंने कहा कि तू अब इस घर में कभी मत आना।
अर्चित शर्मा दो दिन इधर-उधर सोने के बाद तीसरे दिन थाना रायपुर में आया। उस समय लॉकडाउन अवधि के दौरान थाना रायपुर में पुलिस द्वारा गरीब असहाय लोगों को कच्चा एवं पक्का भोजन, पानी आदि बांटा जा रहा था। अर्चित शर्मा थानाध्यक्ष रायपुर अमरजीत सिंह से निवेदन किया कि मैं भी गरीबों की सेवा करना चाहता हूं और मैं कभी स्मैक आदि किसी भी प्रकार का नशा नहीं करूंगा।
थानाध्यक्ष रावत द्वारा अर्चित को सहारा देकर थाने में रहने का स्थान दिया। तब से लगातार अर्चित शर्मा गरीब असहाय लोगों को भोजन आदि आवश्यक चीजें बांटने में पुलिस की सहायता करने लग गया। जब मीडिया कर्मियों को अर्चित के बारे में जानकारी मिली तो अर्चित शर्मा के जीवन में आए बदलाव एवं अर्चित शर्मा के व्यवहार एवं कार्यप्रणाली को एक नजीर के रूप में प्रस्तुत कर कई अखबारों एवं न्यूज़ चैनलों द्वारा अर्चित शर्मा के जीवन में आए परिवर्तन को दर्शाया गया एवं सोशल मीडिया में भी कई लोगों ने अर्चित शर्मा को नशा छोड़कर जीवन में लाए परिवर्तन के बारे में प्रेरणा स्रोत मानकर कई पोस्ट की जिसे हजारों लोगों द्वारा सराहा गया।
अर्चित शर्मा को न्यायालय द्वारा 1 वर्ष का कारावास एवं ₹5000 अर्थदंड तथा अर्थदंड न देने पर 15 दिन अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई गई थी। किंतु उसके इस कार्यप्रणाली एवं व्यवहार के कारण 27 जुलाई 2020 को महामहिम राज्यपाल उत्तराखंड सरकार द्वारा अर्चित शर्मा की 3 माह 8 दिन की सजा माफ कर समय पूर्व रिहाई के आदेश पारित किए गए।
अर्चित शर्मा सभी नौजवान नशे के आदी युवकों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बन गया है। आज भी वह थाना रायपुर में रहकर गरीब असहाय लोगों की मदद कर रहा है एवं नशे के आदी नवयुवकों को स्वयं की आत्मशक्ति से नशा छोड़ने हेतु प्रेरित करता है। साथ ही वह अपनी आगे की पढ़ाई पूरी करना चाहता है जिसके लिए उत्तराखंड पुलिस आगे उसकी मदद करेगी।