नैनीताल के महज कुछ दूरी पर स्थित कैंची में बना है नीम करौली बाबा का मन्दिर जो देश से लेकर विदेशों तक लोगों की आस्था का प्रतीक बना हुआ है। यह धाम भवाली- अल्मोड़ा हाईवे पर बना है। यहां पर हनुमान जी का मन्दिर है ओर बाबा नीम करौली का आश्रम भी है। कहा जाता है कि नीम करौली बाबा बड़े ही चमत्कारी थे।
उनके पास दिव्य शक्तियों का खजाना था। वो खुद गायब ओर प्रकट भी हो जाते थे। सन् 1973 की बात थी ऐप्पल कम्पनी के मालिक स्टीव जाॅब्स जिन्दगी मे सन्यासी बनने के लिऐ इस मन्दिर मे आऐ थे। लेकिन उनके आने से पहले बाबा नीम करौली का देहान्त हो गया था। लेकिन यहां आकर स्टीव जाॅब्स ने ध्यान अराधना की। तत्पश्चात इस मन्दिर की आवो हवा ने उनकी दिमाग की सभी चटकनियां खोल दी ओर उन्होने इसी मन्दिर मे मथा टेक अमेरिका वापिस लौटकर अपनी कम्पनी खोलने का प्रणय लिया। तत्पश्चात उन्होने अपनी कम्पनी ऐप्पल नाम से खोली जो की आज टेक्नोलोजी मे दुनिया की नम्बर वन कम्पनी है।
सन् 2003 ओर 2004 मे फेसबुक इतना मशहूर नही था ओर ना ही इतने संख्या मे लोग इससे जुड़े थे कम्पनी पुरी तहर संकट मे गुजर रही थी बड़ी कसा कसी ओर तनाव मे मार्क फेसबुक को बैचना चाहते थे लेकिन ऐक दिन मार्क ने अपने गुरू स्टीव जाॅब्स को अपने परेशानी बतायी जाॅब्स ने उन्हे तीखे शब्दों मे कहा “तुम हार गये हो मार्क मेरी तरह ही तुम्हारा हाल हो गया है। तुम भारत के इस मन्दिर मे कुछ वक्त गुजार आओ तुम्हें वहां से अदभूत शक्ति मिलेगी।
“सन् 2004 मे ही मार्क ने इस मन्दिर मे आने का फोसला किया ओर उन्होने अपने गुरू के कहने के अनुसार संत की तरह कुछ दिन इस मन्दिर मे गुजारे। इस मन्दिर ने उन्हें ऐसी शक्ति दी कि वापिस लौटकर फेसबुक के नये फीचर पर काम करने लगे। ओर आज वो दुनिया को एक जुट कर रखे हुऐं है ओर सबसे लोकप्रिय ऐप फेसबुक को लोग अपने जिन्दगी का हिस्सा मानते हैं।
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यह बात उस समय तक किसी को पत्ता नही थी लेकिन इसका राज खुद मार्क जुकेबर्ग ने तब खोला जब उनकी मुलाकात प्रधानमन्त्री मोदी से हुई जुकरबर्ग ने मोदी को बताया कि जब फेसबुक बुरे दिनों से गुजर रहा था तब वो कैसे भारत के इस मंदिर में गए थे और वहां से प्रेरणा रुपी शक्ति लेकर आज इस मुकाम पर पहुंचे हैं। ओर वो इस मन्दिर का दर्शन करने भी आऐ आज यह मन्दिर विश्व विख्यात हो चला है दुनिया के हजारों लोग इस मन्दिर हर साल आते हैं। ')}