देश के एक बड़े मेडिकल कॉलेज में थर्ड ईय़र की छात्रा ने खुदकुशी कर दी। छात्रा ने छात्रावास के कमरे में फांसी के फंदे पर लटककर खुदकुशी की। ये खबर सुनकर ही हर कोई दंग है। उससे भी ज्यादा हैरान करना है वो सुसाइड लेटर, जो इस छात्रा ने शायद देश के सभी मां-बापों के नाम लिखा है।
ये समझने की कोशिश कीजिए कि आज के बच्चे किस दबाव में जी रहे हैं। लेकिन उस दबाव के चलते उसे अपनी उम्मीदों को छोड़ना पड़ा। मां-बाप की उम्मीदों को पूरा करते करते शायद वो जिंदगी के उस पड़ाव पर आकर खड़ी हो गई, जहां जिंदगी से ही उम्मीद करना बेमानी था। इन दिनों उसके बैक पेपर चल रहे थे।
क्या आप जानते हैं कि वो बेटी जिंदगी में क्या बनना चाहती थी ? उसने खत में लिखा है कि वो खिलाड़ी बनकर देश का मान बढ़ाना चाहती थी। लड़की के माता-पिता का कहना है कि उनसे उनकी बेटी ने कभी कुछ नहीं कहा। श्रीनगर मेडिकल कालेज में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही शिवानमी बंसल ऊधमसिंहनगर की रहने वाली थी। कॉलेज के लिए उसका सलेक्शन 2013 में हुआ था। वो अपने बैच से एक साल पीछे चल रही थी।
शनिवार को उसका पेपर था। लेकिन वो पेपर देने नहीं पहुंची। शाम को उसकी दोस्तों ने उसे फोन किया, तो उसने कोई जवाब नहीं दिया। कमरे में शिवानी का शव पंखे से लटका था। पुलिस के मुताबिक शिवानी के कमरे की टेबल पर एक नोट भी मिला। पुलिस के मुताबिक इस खत में लिखा था कि-
‘’मम्मी, पापा, भाई और राधिका मैं आपको जिंदगीभर का दुख देकर जा रही हूं’’ इसके लिए मैं खुद को जिम्मेदार मानती हूं’’। ‘’मैं MBBS नहीं करना चाहती थी, खेलना चाहती थी। कॉलेज में आकर मैंने बहुत कोशिश की कि MBBS की पढ़ाई अच्छे से पूरी करूं। अब हिम्मत नहीं है। मैं टूटकर बिखर चुकी हूं। अब ना तो हिम्मत बची और ना ही आत्मविश्वास। मैं जानती हूं मैं एक गुनाह कर रही हूं, हो सके तो मुझे माफ कर देना।’’
बताया रहा है कि शिवानी पढ़ाई में होशियार थी। 10वीं और 12 वीं की परीक्षा में उसका नाम मैरिट लिस्ट मृतका के परिजनों का कहना है कि परिवारवालों को उसने कभी नहीं बताया कि वो MBBS नहीं करना चाहती। पढ़ाई में वह अच्छी थी और खेलों में भी शानदार थी। खास तौर पर क्रिकेट खेलना शिवानी को काफी पसंद था। ')}