15 जुलाई को ऋषिकेश में गणेश विहार गंगानगर और अमित ग्राम निवासी दो महिलाओं से चैन लूटने वाले बदमाश उत्तराखंड पुलिस के कब्जे में हैं, तमंचे की नोक पर चैन लूटने वाले इन बदमाशों को दून पुलिस ने मेहवड़ पुल हरिद्वार से गिरफ्तार कर लिया ।
दून पुलिस ने घटना का खुलासा करते हुए बताया कि लूट की बारदात के बाद संयुक्त रूप से गठित कोतवाली ऋषिकेश, थाना रायपुर, थाना बसंत विहार व एसओजी दून की टीम ने घटना स्थल एवं घटना करने वाले बदमाशों के आने-जाने वाले रास्तों में पड़ने वाले प्रत्येक दुकानों, संस्थानों एवं घरों के सीसीटीवी कैमरे जांचे थे।
इस बीच पुलिस को सूचना मिली कि आरोपी कलियर क्षेत्र (निकट रुड़की) में सामान बेचने आ रहे हैं। पुलिस ने मेहवड़ पुल के पास एक बिना नंबर की मोटर साइकिल व जूपिटर स्कूटी को संदिग्ध होने पर रोक लिया। दोनों वाहन चालक गाड़ी मोड़ कर भागने लगे एवं हड़बड़ाहट में वहीं गिर गए।
पुलिस ने दो आरोपियों को मौके पर पकड़ लिया गया एवं एक मौके से फरार हो गया। एसपी देहात प्रमेंद्र डोबाल ने बताया कि आरोपियों ने कोतवाली ऋषिकेश में दो, थाना बसंत विहार में दो, थाना रायपुर में दो चेन लूट और थाना नेहरू कॉलोनी में एक पर्सलूट की वारदात कबूली है।
पूछताछ में बदमाशों ने अपने नाम मो. लिंटोन पुत्र मोहम्मद शमीम निवासी मकुवा पोस्ट मोईरापुर थाना मुरारोई, जिला बीरभम पश्चिम बंगाल और मो. अनवर पुत्र मोहम्मद कलीम निवासी महाराणा प्रताप चौक जिला सहरसा बिहार बताया जबकि फरार बदमाश की पहचान मो. अरशद पुत्र जाकिर अहमद निवासी मकान नंबर 69 गली नंबर- 2 वजीराबाद दिल्ली के रूप में की गई ।
आरोपियों ने पीछ्ताछ में यह भी बताया कि दिल्ली में वे कोबरा गैंग के नाम से जाने जाते हैं। आरोपी घटना करने वाले स्थान पर एक घंटा पहले रेकी करते थे। देखभाल कर ऐसी महिला का चयन करते हैं, जिसकी चेन आसानी से लूटी जा सकती है। आरोपियों ने दिल्ली, राजस्थान आदि जगहों पर कई बार चोरी एवं लूट की घटनाएं की हैं।
पुलिस ने बताया कि मोहम्मद लिंटोन पंद्रह लाख व मो. अनवर बीस लाख की लूट के जुर्म में जेल जा चुके हैं जबकि फरार हुआ अरशद पर कई संगीन जुर्म के आरोप हैं वह देहरादून में वांशिग पाउडर बेचने का काम करता था, इसलिए उसे गली-गली का सब कुछ पता था । पुलिस उसकी तलाश में जुटी है उसे जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जायेगा । पुलिस ने बताया कि वे चेनों को बेचकर हरिद्वार में कमरा लेकर रहने वाले थे एवं मौका पाकर कांवड़ियों की वेशभूषा धारण कर और कई घटनाओं को अंजाम देने की फिराक में थे।
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