रुद्रप्रयाग: कोरोना काल के बाद शुरू हुई चार धाम यात्रा के लिए इस साल रिकॉर्ड तोड़ श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। देश के अलग-अलग राज्यों से आए तीर्थयात्रियों की भीड़ का ये आलम है कि यात्रा के प्रवेशद्वार ऋषिकेश में बसों की किल्लत हो गई है। ट्रैवल एजेंटों द्वारा यात्रियों को बसों का बंदोबस्त होने तक धर्मशालाओं में रहने की व्यवस्था की जा रही है वहीं सरकार द्वारा अब यात्रा के सख्त निर्देश दिए गए हैं।
भारी संख्या में उमड़ती भीड़ को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने सभी श्रद्धालुओं का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया है। अब बिना पंजीकरण के किसी भी श्रद्धालु को दर्शन की अनुमति नहीं मिलेगी। उत्तराखंड के स्थानीय लोगों को भी अब रजिस्ट्रेशन कराना होगा। फिलहाल सरकार ने यात्रियों की संख्या में प्रतिदिन 1000 का इज़ाफ़ा कर दिया गया है। नयी डेली लिमिट के अनुसार अब यमुनोत्री में 5000, गंगोत्री में 8000, केदारनाथ में 13000 और बद्रीनाथ में 16000 यात्री हर रोज़ दर्शन कर सकेंगे। वहीं यात्रियों के लिए पर्यटन विभाग की वेबसाइट registrationandtouristcare.uk.gov.in में रजिस्ट्रेशन करना जरूरी है।
बता दें कि 06 मई को केदारनाथ के कपाट खुलने के साथ ही भारी संख्या में यात्रियों का उत्तराखंड पहुंचना शुरू हो गया था। पहले ही दिन रिकार्ड 23 हजार से अधिक श्रद्धालु धाम पहुँचे थे। वहीं मंगलवार यानी 10 मई को 18,887 यात्री केदारनाथ पहुंचे। इस तरह अब तक कुल 96,543 यात्री केदारनाथ जी के दर्शन करके लौट चुके हैं। इसके अलावा सोमवार तक गंगोत्री धाम में 49,215, यमुनोत्री धाम में 46,405 और बदरीनाथ धाम में 30,773 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं।