उत्तराखंड सरकार के टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट ने देश की अग्रणी इंफ्रास्ट्रक्चर कंसल्टेंसी कंपनी रुद्राभिषेक एंटरप्राइजेज लिमिटेड (आरईपीएल) को 18 शहरी स्थानीय निकायों के लिए जीआईएस आधारित विकास/मास्टर प्लान बनाने के लिए नियुक्त किया है। कंपनी दो क्लस्टरों (4 और 5) के लिए मास्टर प्लान का ड्राफ्ट बनाएगी जिसके अंतर्गत टेहरी , नैनीताल , अल्मोड़ा और बागेश्वर जिले आते है।
दिए गए प्रोजेक्ट के लिए REPL मौजूदा मास्टर प्लान का रिव्यू करेगा और फिर पर्यावरणीय स्थिरता, इंफ्रास्ट्रक्चर और ट्रांसपोर्ट प्रावधान, इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट, प्रभावी भूमि उपयोग प्रबंधन (effective land use management) और स्थानिक विकास प्रबंधन (spatial growth management) को ध्यान में रखते हुए जीआईएस आधारित मास्टर प्लान 2041 तैयार करेगा। सीएमडी-आरईपीएल प्रदीप मिश्रा ने कहा, “उत्तराखंड अपार संभावनाओं वाला राज्य है लेकिन यहाँ की भौगोलिक परिस्थितियों और पर्यावरण संतुलन को देखते हुए एक व्यावहारिक और विवेकपूर्ण दृष्टिकोण की आवश्यकता है। अभी का मास्टर प्लान बहुत पुराना हो चुका हैं जबकि राज्य के विकास के लिए एक नए नजरिये की जरूरत है।
आज के समय में टेक्नोलॉजी देश के बुनियादी ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। हम काफी लंबे समय से एडवांस और इनोवेटिव भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी (Geospatial technology ) का उपयोग करके पूरे भारत में विभिन्न परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं। जीआईएस टेक्नोलॉजी के द्वारा प्रभावी ढंग से विकास की योजना बनाने में मदद मिलती है। देश के विभिन्न राज्यों में इस तरह के प्रोजेक्ट्स पर काम करने का हमारा अनुभव इस प्रोजेक्ट को अधिक प्रभावशाली बनाने में मदद करेंगे।"
प्रभाकर कुमार, एवीपी और एचओडी-अर्बन प्लानिंग-आरईपीएल ने कहा, “जीआईएस आधारित मास्टर प्लान तैयार करना शहर के इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाने के लिए बेहद महत्वपूर्ण हो गया है। चूंकि ये क्षेत्र पर्यावरण के प्रति संवेदनशील और प्रकृति में असुरक्षित हैं, इसलिए मास्टर प्लान तैयार करते समय हम तकनीकी हस्तक्षेप के माध्यम से पर्यावरणीय संवेदनशीलता और आपदा प्रबंधन योजना के दृष्टिकोण पर अधिक जोर देंगे। हम पर्यावरण के प्रति संवेदनशील क्षेत्रों, शहरी फैलाव, मौजूदा भूमि उपयोग का अध्ययन, भविष्य की जरूरतों के लिए मूल्यांकन, विभिन्न गतिविधियों /उपयोगों के लिए उपलब्ध भूमि की उपयुक्तता का निर्धारण, नई सड़कों के लिंक की योजना, सार्वजनिक सुविधाओं और सेवाओं के लिए भूमि आरक्षित करने, ज़ोनिंग और उपयुक्त विकास संवर्धन और नियंत्रण नियमों को तैयार करने का विस्तृत विश्लेषण करेंगे। मास्टर प्लान तैयार करते समय हम न केवल शहर के लैंडस्केप का एनालिसिस करेंगे बल्कि भविष्य में आने वाली आवश्यकताओं को भी ध्यान में रखना होगा।
दिए गए प्रोजेक्ट के लिए, हम क्षेत्र की जरूरतों और उनके समाधानों की पहचान करने के लिए भूमि उपयोग सर्वेक्षण (land use survey), सामाजिक-आर्थिक (socio-economic), ट्रैफिक, ट्रांसपोर्टेशन, पर्यावरणीय सर्वे सहित प्राइमरी और सेकेंडरी दोनों डेटा संग्रह करेंगे। आरईपीएल नगर नियोजन के विभिन्न पहलुओं का मूल्यांकन करेगा, जिसमें भवन संरचना, सड़कें, भूमि उपयोग, पार्किंग, इंडस्ट्रियल पॉलिसी, जल आपूर्ति, जल निकासी (drainage), क्षेत्र के आर्थिक विकास के अवसर आदिशामिल हैं. आने वाले वर्ष 2041 के लिए मास्टर प्लान विकसित करते समय इसमें सभी क्षेत्रों और सामाजिक- आर्थिक विकास को ध्यान में रखा जाएगा। क्षेत्रीय स्तर पर इस प्रोजेक्ट को 6 स्टेप्स में बांटा गया है और इसके 18 महीने में पूरा होने की उम्मीद है।
आरईपीएल पहले से ही स्मार्ट सिटी, प्रधानमंत्री आवास योजना, चेन्नई मेट्रो के लिए बीआईएम कंसल्टेंसी, अमृत के तहत जीआईएस-आधारित मास्टर प्लान, जल आपूर्ति प्रणाली, स्ट्रीट वेंडिंग प्लान, ऑनलाइन नक्शा प्रणाली सहित राज्य और केंद्र सरकार दोनों के लिए विभिन्न इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं पर काम कर रहा है।