Raibaar UttarakhandRaibaar UttarakhandRaibaar Uttarakhand
  • Home
  • Uttarakhand News
  • Cricket Uttarakhand
  • Health News
  • Jobs
  • Home
  • Uttarakhand News
  • उत्तराखंड पर्यटन
  • उत्तराखंड मौसम
  • चारधाम यात्रा
  • Cricket Uttarakhand
  • राष्ट्रीय समाचार
  • हिलीवुड समाचार
  • Health News
Reading: घटने की जगह बढ़ गयी है दुनिया की कोयला-आधारित स्‍टील निर्माण क्षमता
Share
Font ResizerAa
Font ResizerAa
Raibaar UttarakhandRaibaar Uttarakhand
  • Home
  • Uttarakhand News
  • उत्तराखंड पर्यटन
  • चारधाम यात्रा
Search
  • Home
  • Uttarakhand News
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधम सिंह नगर
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • उत्तराखंड पर्यटन
  • उत्तराखंड मौसम
  • चारधाम यात्रा
  • Cricket Uttarakhand
  • राष्ट्रीय समाचार
  • हिलीवुड समाचार
  • Health News
Follow US
  • About Us
  • Contact Us
  • Privacy Policy
  • Donate
©2017 Raibaar Uttarakhand News Network. All Rights Reserved.
Raibaar Uttarakhand > Home Default > Uttarakhand News > घटने की जगह बढ़ गयी है दुनिया की कोयला-आधारित स्‍टील निर्माण क्षमता
Uttarakhand News

घटने की जगह बढ़ गयी है दुनिया की कोयला-आधारित स्‍टील निर्माण क्षमता

Last updated: July 21, 2023 10:18 pm
Debanand pant
Share
5 Min Read
दुनिया
SHARE

ग्‍लोबल एनर्जी मॉनिटर (Global Energy Monitor) की ताजा रिपोर्ट यह कहती है कि दुनिया में स्‍टील उत्‍पादन के लिये ‘ब्‍लास्‍ट फर्नेस- बेसिक ऑक्‍सीजन फर्नेस’ पद्धति का इस्‍तेमाल करने वाली कोयला आधारित उत्‍पादन क्षमता वर्ष 2021 के 350 एमटीपीए के मुकाबले 2022 में बढ़कर 380 एमटीपीए हो गयी है। यह ऐसे वक्‍त हुआ है जब लंबी अवधि के डीकार्बनाइजेशन लक्ष्‍यों को हासिल करने के लिये दुनिया की कुल उत्‍पादन क्षमता में कोयले की हिस्‍सेदारी में नाटकीय रूप से गिरावट आनी चाहिये।

ग्‍लोबल स्‍टील प्‍लांट ट्रैकर के डेटा के वार्षिक सर्वेक्षण में पाया गया है कि कोयला आधारित स्‍टील उत्‍पादन क्षमता में वृद्धि का लगभग पूरा काम (99 प्रतिशत) एशिया में ही हो रहा है और चीन तथा भारत की इन परियोजनाओं में कुल हिस्‍सेदारी 79 प्रतिशत है।
ध्यान रहे, एशिया कोयला आधारित इस्पात उत्पादन का केंद्र है, जहां 83% चालू ब्लास्ट फर्नेस, 98% निर्माणाधीन और 94% आगामी सक्रिय होने वाली भट्टियां हैं। इसको देखते हुए यह जरूरी है कि जलवायु आपदा से बचने के लिए पूरे एशिया में निवेश संबंधी फैसले तेजी से बदले जाएं। नई तकनीक, ग्रीन स्टील की मांग और कार्बन की कीमतों के साथ वैश्विक स्तर पर बाजार बदल रहा है। एशियाई उत्पादकों के सामने एक विकल्प है, चाहे वे दशकों से अधिक कोयले में निवेश करें, या भविष्य के इस्पात क्षेत्र में निवेश करें।
इतिहास में ऐसा पहली बार है जब भारत कोयला आधारित स्‍टील उत्‍पादन क्षमता के विस्‍तार के मामले में चीन को पछाड़कर शीर्ष पर पहुंच गया है। भारत में कोयला आधारित ‘ब्‍लास्‍ट फर्नेस-बेसिक ऑक्‍सीजन फर्नेस’ क्षमता का 40 प्रतिशत हिस्‍सा विकास के दौर से गुजर रहा है, जबकि चीन में यही 39 फीसद है।
हालांकि हाल के वर्षों में कोयला आधारित इस्पात निर्माण का कुछ भाग उत्पादन के स्वच्छ स्‍वरूपों को दे दिया गया है मगर यह बदलाव बहुत धीमी गति से हो रहा है।
इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी के वर्ष 2050 के नेटजीरो परिदृश्‍य के मुताबिक ‘इलेक्ट्रिक आर्क फर्नेस’ क्षमता की कुल हिस्‍सेदारी वर्ष 2050 तक 53 प्रतिशत हो जानी चाहिये। इसका मतलब है कि 347 मैट्रिक टन कोयला आधारित क्षमता को या तो छोड़ने अथवा रद्द करने की जरूरत होगी और ‘इलेक्ट्रिक आर्क फर्नेस’ की 610 मैट्रिक टन क्षमता को मौजूदा क्षमता में जोड़ने की आवश्‍यकता होगी।
ग्‍लोबल एनर्जी मॉनिटर में भारी उद्योग इकाई की कार्यक्रम निदेशक केटलिन स्‍वालेक ने कहा, ‘‘स्‍टील उत्‍पादकों और उपभोक्‍ताओं को डीकार्बनाइजेशन की योजनाओं के प्रति अपनी महत्‍वाकांक्षा को और बढ़ाने की जरूरत है। हालांकि‍ स्‍टील उत्‍पादन में कोयले के इस्‍तेमाल में कमी लायी जा रही है लेकिन यह काम बहुत धीमी रफ्तार से हो रहा है। कोयला आधारित उत्‍पादन क्षमता में वृद्धि कर रहे विकासकर्ता भविष्‍य में इसकी कीमत अरबों में चुकाने का खतरा मोल ले रहे हैं।”
E3G के वरिष्ठ नीति सलाहकार कटिंका वागसेथर के अनुसार, ‘वैश्विक इस्पात उत्पादन क्षमता को धीरे-धीरे लेकिन निश्चित रूप से स्वच्छ उत्पादन मार्गों की ओर बढ़ते देखना उत्साहजनक है। लेकिन जीईएम की रिपोर्ट यह भी स्पष्ट रूप से रेखांकित करती है कि कोयले से अपेक्षित बदलाव देखने से हम अभी भी कितने दूर हैं। उदाहरण के लिए, ऑस्ट्रियाई स्टील निर्माता वोएस्टालपाइन की हालिया रीलाइनिंग घोषणा से पता चलता है कि यद्यपि यूरोप स्वच्छ स्टील उत्पादन के लिए पाइपलाइन के मामले में अग्रणी है, फिर भी यूरोपीय स्टील निर्माता अभी भी स्वच्छ स्टील में बदलाव के अवसर की महत्वपूर्ण खिड़कियां खो रहे हैं और इसके बजाय उच्च-उत्सर्जन प्रौद्योगिकियों को लॉक कर रहे हैं।’

अंत में यह कहना गलत नहीं होगा कि इस्पात उद्योग को डीकार्बोनाइजेशन योजनाओं को प्राथमिकता देनी चाहिए और कोयला मुक्त उत्पादन विधियों का रुख करने में तेजी लानी चाहिए। साथ ही, सरकारों, इस्पात उत्पादकों और उपभोक्ताओं को समान रूप से एक टिकाऊ और पर्यावरणीय रूप से जिम्मेदार भविष्य बनाने के अवसर का लाभ भी उठाना चाहिए।

त्रिजुगीनारायण में शादी के लिए दुनिया भर से आ रहे हैं जोड़े शादियों के सीजन में रहती है एडवांस बुकिंग
मुख्यमंत्री धामी अर्पित फाउंडेशन द्वारा आयोजित अभिनंदन समारोह में शामिल हुए
मिशन निदेशक ने राज्य मानसिक स्वास्थ्य संस्थान (SMHI), सेलाकुई का दौरा कर राज्य टेली. मानस सेल की प्रगति की समीक्षा की
जनमानस को संभावित खतरों से निपटने सुरक्षित रहने के उपाय के लिए आयोजित किया जा रहा हैं मॉक अभ्यास
मुख्यमंत्री ने किया 5 मोबाइल मेडिकल यूनिट का शुभारम्भ
TAGGED:ग्‍लोबल एनर्जी मॉनिटर
Share This Article
Facebook Whatsapp Whatsapp Copy Link
Previous Article स्वास्थ्य सचिव स्वास्थ्य सचिव ने किया सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चिन्यालीसौड़ का निरीक्षण
Next Article विराट कोहली विराट कोहली ने शतक लगाकर की शुभमन गिल की नकल, गिल ने दिया ये रिएक्शन
Leave a Comment Leave a Comment

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Video Player
https://raibaaruttarakhand.com/wp-content/uploads/2025/04/VIDEO-03-Years.mp4

Media error: Format(s) not supported or source(s) not found

Download File: https://raibaaruttarakhand.com/wp-content/uploads/2025/04/VIDEO-03-Years.mp4?_=1
00:00
00:00
00:00
Use Up/Down Arrow keys to increase or decrease volume.

Stay Connected

218kFollowersLike
100FollowersFollow
200FollowersFollow
600SubscribersSubscribe
4.4kFollowersFollow

Latest News

उच्च शिक्षा विभाग में 52 पदों पर तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग में 87 पदों पर दी गई नियुक्ति
Uttarakhand News
May 6, 2025
राज्य में स्पोर्ट्स लेगेसी प्लान’ होगा जल्द लागू- सीएम धामी
Uttarakhand News
May 5, 2025
कृषि उत्पादन बढ़ाने और ग्रामीण विकास के लिए केंद्रीय मंत्री ने की उत्तराखंड की सराहना
Uttarakhand News
May 5, 2025
जयकारों और वैदिक मंत्रोच्चार के बीच खुले श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट, छह माह के लिए यात्रा का मंगल शुभारम्भ
Uttarakhand News
May 4, 2025

खबरें आपके आस पास की

Uttarakhand News

हेमन्त द्विवेदी बने “श्री बद्रीनाथ एवं श्री केदारनाथ मन्दिर समिति” के अध्यक्ष, दो उपाध्यक्षों की भी नियुक्ति

May 3, 2025
Uttarakhand News

स्वास्थ्य और सिंचाई योजनाओं की निगरानी को लेकर धामी सरकार गंभीर, 15 स्वास्थ्य और 13 सिंचाई विभाग के उच्च अधिकारियों को सौंपी गई अहम ज़िम्मेदारी

May 3, 2025
Uttarakhand News

केदारनाथ में लगा बाबा के भक्तों का तांता

May 3, 2025
Uttarakhand News

उत्तराखण्ड को केन्द्र सरकार की बड़ी सौगात

May 3, 2025
Uttarakhand News

नेपाल पश्चिम प्रांत के मुख्यमंत्री कमल बहादुर शाह के नेतृत्व में 10 सदस्यों के प्रतिनिधिमंडल ने सीएम धामी से भेंट की

May 3, 2025
Uttarakhand Newsदेहरादून

FDA टीम का हरिद्वार-हल्द्वानी व उधमसिंहनगर में ताबड़तोड़ छापेमारी अभियान

May 2, 2025
Video Player
https://raibaaruttarakhand.com/wp-content/uploads/2025/04/VIDEO-03-Years.mp4

Media error: Format(s) not supported or source(s) not found

Download File: https://raibaaruttarakhand.com/wp-content/uploads/2025/04/VIDEO-03-Years.mp4?_=2
00:00
00:00
00:00
Use Up/Down Arrow keys to increase or decrease volume.
Raibaar UttarakhandRaibaar Uttarakhand
Follow US
©2017 Raibaar Uttarakhand News Network. All Rights Reserved.
  • About Us
  • Contact Us
  • Privacy Policy
  • Donate