ऋषिकेश एम्स में भर्ती किए गए उत्तरकाशी बस दुर्घटना के 14 घायलों में 5 यात्रियों की स्थिति गंभीर बनी हुई है। सभी घायलों का एम्स की ट्राॅमा इमरजेंसी में आवश्यक उपचार जारी है। इस बीच एम्स की कार्यकारी निदेशक और चिकित्सा अधीक्षक ने इमरजेंसी में पहुंचकर भर्ती किए गए घायलों का हाल-चाल जाना और उनके समुचित इलाज के संबन्ध में चिकित्सकों को आवश्यक दिशा- निर्देश दिए।
सूबे के शहरी विकास और वित्त मंत्री प्रेम चन्द अग्रवाल ने एम्स पहुंचकर घायलों का हाल-चाल जाना और उनकी स्थिति व दिए जा रहे उपचार के बाबत एम्स प्रशासन से जानकारी प्राप्त की। बीते रविवार की सांय गंगोत्री से उत्तरकाशी लौटते हुए गुजरात के तीर्थयात्रियों की एक बस दुर्घटनाग्रस्त होकर गहरी खाई में गिर गई थी।
जनपद उत्तरकाशी के गंगनानी क्षेत्र में हुई इस सड़क दुर्घटना में 7 लोगों ने मौके पर दम तोड़ दिया था। जबकि 14 घायलों को बीती देर रात एम्स ऋषिकेश रेफर कर दिया गया था। घायलों में 4 महिलाएं और 10 पुरूष शामिल हैं। डाॅ. मधुर उनियाल ने बताया कि घायलों में से 5 लोगों की स्थिति गंभीर बनी हुई है। हालांकि सभी घायल बिना किसी वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं और आवश्यक जांचों के आधार पर सभी का उचित उपचार किया जा रहा है।
ट्राॅमा चिकित्सकों के अनुसार गंभीर घायलों में 23 वर्षीय विवेक पुत्र मनीष पदारिया भावनगर, 27 वर्षीय मुकेश कुमार पुत्र फूलचन्द्र (बस ड्राईवर) निवासी देहरादून, 52 वर्षीय रेखा बेन पत्नी महेश भाई निवासी गुजरात, 40 वर्षीय ब्रिजराज पुत्र जीवीहा निवासी भावनगर और 43 वर्षीय अशोक पुत्र बलवत सिंह निवासी सूरत गुजरात शामिल हैं। इनमें अधिकांश की छाती में चोटें आई हैं अन्य घायलों में 59 वर्षीय नैना बेन पत्नी मनीष भाई निवासी सूरत, 51 वर्षीय मनीष भाई पुत्र रमणीक भाई निवासी सूरत, 38 वर्षीय गुरू भाई पुत्र अखूमा निवासी सूरत, 42 वर्षीय संजय पुत्र साहुजी भाई निवासी सूरत, 55 वर्षीय सुरेश पुत्र भवानी निवासी भावनगर, 39 वर्षीय हरेंद्र सिंह पुत्र महिपाल सिंह निवासी भावनगर, 52 वर्षीय देवकौर पत्नी सुरेश भाई निवासी सूरत, 29 वर्षीय संजू पुत्र रमेश चन्द्र (बस कंडक्टर) निवासी देहरादून और 27 वर्षीय मीरा बेन पत्नी योगेश निवासी सूरत शामिल हैं। इन सभी को शरीर के विभिन्न अंगों में चोटें पहुंची हैं।
संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर( डॉ.) मीनू सिंह और चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर संजीव कुमार मित्तल ने ट्राॅमा इमरजेंसी में पहुंचकर घायलों का हाल-चाल जाना और उनके समुचित इलाज के बारे में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। निदेशक प्रोफेसर मीनू सिंह ने इलाज कर रही डाॅक्टरों की टीम से कहा है कि घायलों के इलाज में किसी प्रकार की कमी नहीं की जाए। इस दौरान ट्राॅमा विभागाध्यक्ष प्रो. कमर आजम सहित अन्य चिकित्सक मौजूद रहे।