देहरादून : आज देहरादून में उत्तराखंड में सशक्त भू कानून और मूल निवास 1950 लागू करने की मांग को लेकर ‘मूल निवास स्वाभिमान महारैली’ में लोगों का हुजूम उमड़ा। लोगों ने ढोल दमाऊ और नरेंद्र सिंह नेगी के गीत उठी जावा जागी जावा उत्तराखंडियों की धुन पर हला-बोल हला-बोल नारों के साथ एक सुर में अपनी मांगों को रखा। रैली परेड ग्राउंड से शुरू होकर कान्वेंट स्कूल होते हुए एसबीआई चौक बुद्धा चौक दून अस्पताल से होकर तहसील चौक ओर फिर कचहरी स्थित शहीद स्मारक पहुंची।
रैली में मुख्य रूप से उत्तराखंड क्रांति दल और राज्य आंदोलनकारी तथा पूर्व सैनिक संगठन से जुड़े लोगों ने भाग लिया, खासकर महिलाओं ने बड़ी संख्या में भाग लेकर सरकार से मूल निवास लागू किए जाने और इसकी कट ऑफ डेट 26 जनवरी 1950 घोषित किए जाने के साथ ही सशक्त भू कानून लागू किए जाने की पुरजोर तरीके से मांग उठाई। सभी लोगों की मांग है कि शहरी क्षेत्र में 250 मीटर भूमि खरीदने की सीमा लागू की जाय और ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि की बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगया जाय।
संघर्ष समिति की ये भी हैं प्रमुख मांगें-
– प्रदेश में ठोस भू कानून लागू हो।
– शहरी क्षेत्र में 250 मीटर भूमि खरीदने की सीमा लागू हो।
– ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगे।
– गैर कृषक की ओर से कृषि भूमि खरीदने पर रोक लगे।
– पर्वतीय क्षेत्र में गैर पर्वतीय मूल के निवासियों के भूमि खरीदने पर तत्काल रोक लगे।
– राज्य गठन के बाद से वर्तमान तिथि तक सरकार की ओर से विभिन्न व्यक्तियों, संस्थानों, कंपनियों आदि को दान या लीज पर दी गई भूमि का ब्यौरा सार्वजनिक किया जाए।
– प्रदेश में विशेषकर पर्वतीय क्षेत्र में लगने वाले उद्यमों, परियोजनाओं में भूमि अधिग्रहण या खरीदने की अनिवार्यता है या भविष्य में होगी, उन सभी में स्थानीय निवासी का 25 प्रतिशत और जिले के मूल निवासी का 25 प्रतिशत हिस्सा सुनिश्चित किया जाए।
– ऐसे सभी उद्यमों में 80 प्रतिशत रोजगार स्थानीय व्यक्ति को दिया जाना सुनिश्चित किया जाए।