देहरादून : भर्ती घोटाले पर पहली बार उत्तराखंड विधानसभा की अध्यक्ष रितू खंडूरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि विधानसभा सचिव को छुट्टी पर भेजा गया है। जांच कमेटी का गठन हो गया है। समिति में पूर्व आईएएस अधिकारी डीके कोटिया को अध्यक्ष, सुरेंद्र सिंह रावत और अवनींद्र सिंह को सदस्य शामिल किया गया। एक महीने में रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। उन्होंने बताया कि साल 2000 से 2011 और 2012 के बाद हुई भर्तियों की जांच होगी। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि बैक डोर भर्तियों को लेकर विधानसभा की गरिमा को आहत पहुंची है। इसलिए दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मीडिया व अन्य विभिन्न स्रोतों से विधान सभा सचिवालय में कार्मिकों/अधिकारियों की विधि एवं सेवा नियमों के विरूद्ध नियुक्तियों / पदोन्नति के सम्बन्ध में प्राप्त जानकारी के आधार पर जनहित में मैंने आज दो बड़े निर्णय लिये हैं।
1. विशेषज्ञ जांच समिति गठित की गयी है जिसमें (क) दिलीप कुमार कोटिया (अध्यक्ष) (ख) सुरेन्द्र सिंह रावत सदस्य एवं (ग)अवनेन्द्र सिंह नयाल सदस्य हैं। सभी पूर्व कार्मिक सचिव हैं एवं प्रदेश के वह इस मामले के विशेषज्ञ हैं। इसके साथ-साथ यह भी निर्देश दिया है कि विशेषज्ञ समिति अधिकतम एक माह के भीतर अपना प्रतिवेदन, जांच रिपोर्ट / सुझाव उपलब्ध करायेगी।
2. दूसरा निर्णय यह किया है कि वर्तमान विधान सभा सचिव (मुकेश कुमार सिंघल) तत्काल प्रभाव से आगामी आदेश तक अवकाश पर रहेंगे। उक्त अवकाश की अवधि में विशेषज्ञ समिति, श्री मुकेश कुमार सिंघल सचिव को जांच में सहयोग हेतु उपस्थित होने के लिये जब-जब कहेगी तो उन्हें ऐसे निर्देशों का पालन करना होगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा में हुई भर्तियों के विषय में कथित अनियमितताओं के आरोपों की पड़ताल हेतु विधानसभा अध्यक्ष द्वारा विशेष जांच समिति गठित करने के निर्णय का स्वागत किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि “मुझे पूर्ण विश्वास है कि ये जांच समिति विषय से जुड़े प्रत्येक तथ्य को स्पष्ट करेगी। हमारी सरकार भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखण्ड के लिए कृतसंकल्पित है।”