उत्तराखण्ड का एसडीजी इण्डेक्स में प्रथम स्थान बरकरार रखने तथा अपेक्षाकृत कम इंडिकेटर में सुधार के लिए विशेष कार्य करने के उद्देश्य से मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने लोअर इंडिकेटर वाले क्षेत्रों से सम्बन्धित विभागों के नोडल सचिव नामित करते हुए 15 दिन में समीक्षा के निर्देश दिए हैं।
जीरो हंगर तथा विशेषरूप से महिलाओं व बच्चों में कुपोषण हटाने के लक्ष्य में सुधार के दृष्टिगत सीएस ने पीडीएस के माध्यम से दालों की आपूर्ति की कार्ययोजना बनाने के निर्देश भी दिए हैं।
उन्होंने ऐसे दिव्यांग बच्चे जिनके द्वारा माध्यमिक शिक्षा पूरी नही की जा सकी है, उनकी पूर्ण शिक्षा की व्यवस्था करने हेतु कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही मुख्य सचिव ने आंगबाड़ियों में ही दिव्यांग बच्चों की पहचान करते हुए भविष्य में उनकी सुविधा अनुसार विशेष शिक्षा के प्रबन्ध करने के निर्देश दिए हैं।
राज्य में वर्कफोर्स में लैगिंक समानता के लक्ष्य को प्राप्त करने तथा महिलाओं की भागीदारी कार्यबल में बढ़ाने की दिशा में मुख्य सचिव ने उद्यम नीति में आवश्यक सुधार करने की बात कही।
महिलाओं व बच्चों में कम बीएमआई व एनिमिया की समस्या के निदान के सम्बन्ध में मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने इन समस्याओं की प्रमुखता वाले क्षेत्रों की पहचान करते हुए टारगेटेड अप्रोच के साथ कार्य करने के निर्देश दिए हैं। राज्य में वायु गुणवत्ता में सुधार के दृष्टिगत मुख्य सचिव ने शहरी विकास एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की जिम्मेदारी तय करते हुए सोलिड वेस्ट मेनेजमेंट एव वायु प्रदूषण पर नियंत्रण पर कार्य करने के निर्देश दिए हैं।
गुमशुदा बच्चों, बच्चों के प्रति अपराध एवं मानव तस्करी के मामलों में मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने इस सम्बन्ध में गृह विभाग को सटीक आंकडे़ एकत्रित करते हुए त्वरित कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। सर्तकता विभाग को भ्रष्टाचार के सभी मामलों को दर्ज करते हुए इन्वेस्टिगेश से दोषसिद्धि तक की प्रक्रिया पूर्ण करने हेतु निर्देशित किया गया है।
बैठक में अपर मुख्य सचिव श्री आनंद बर्धन, सचिव श्री मीनाक्षी सुन्दरम, श्री रविनाथ रमन, श्री शैलेश बगौली सहित सभी विभागों के सचिव, अपर सचिव व अधिकारी मौजूद रहे।