देहरादून: ठंड की तीव्रता बढ़ती जा रही है, कंपा देने वाली ठंड उन लोगों के लिए जानलेवा साबित होती है जिनका कोई आसरा नहीं होता। पहनने-ओढऩे के लिए उपयुक्त कपड़े न होने और फुटपाथ, पार्कों या अन्य जगहों पर खुले में रात बिताने को मजबूर बेघरो के लिए यही ठंडक जान लेवा साबित हो रही है। आओ हम सब मिलकर कुछ प्रयास करें यह कहना है डॉ. संतोष चमोली जी का।
निस्वार्थ रूप से गरीब लोगों की सेवा में लगे डॉ. संतोष अपील करते है की “मेरा आप सभी जन प्रतिनिधियों से एक विनम्र आग्रह है की एक रात फुटपाथ से जरुर गुजरे और जो भी मदद हो जरुर करें।” बुजुर्ग स्त्री-पुरूषों के अलावा लाखो बेघरों बच्चे भी खुले मे सोने के लिए मजबूर है जो अक्सर यौन अपराधो व नशे के शिकार हो रहे हैं। वही, सरकारी नाईट शेल्टरो की हालत भी दयनीय है, जो केवल एक डंपिंग ग्राउंड बनकर रह गए हैं।
भारत मे लगभग 55% बेघर बच्चे और 53% स्कूल न जाने वाले बच्चे यौन अपराधो के शिकार हो रहे है। धीरे-धीरे ये बेघर बच्चे नशे के आदि होकर असामाजिक लोगो के समूह के साथ आपराधिक गतिविधियों की ओर झुक रहे है। घर और पढाई के अभाव मे ये किशोर बेघर बच्चे अपराध के दलदल मे जा रहे है।
जरा सोचें रिश्ते खून के नहीं होते विश्वास के होते हैं अगर विश्वास हो तो पराए भी अपने हो जाते हैं और अगर विश्वास ना हो तो अपने भी पराए हो जाते हैं लोग चाहते हैं कि आप बेहतर करें, लेकिन यह भी सत्य है कि उनमें से अधिकाँश यह नहीं चाहते कि आप उनसे बेहतर करें। दया और मदद सबसे बड़ा धर्म कहा जाता है , कहा जाता है कि दूसरों की मदद करना ही सबसे बड़ा धर्म है।
मदद एक ऐसी चीज है जिसकी जरूरत हर इंसान को पड़ती है चाहे आप बूढ़े हो बच्चे हो। आप सभी के जीवन में एक समय ऐसा जरूर आता है कि जब हमें दूसरों की मदद की जरूरत पड़ती है। इन बच्चों को कपड़े दिए गए। इस ठण्ड में इनकी कुछ मदद हो सके।
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