चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ मंदिर में तोड़-फोड़ का मामला सामने आया है। मंदिर और धर्मशाला में तोड़ फोड़ की तस्वीरें भी सामने आई हैं जिसके बाद शासन-प्रशासन के खिलाफ लोगों का गुस्सा फूट रहा है। मंदिर के पुजारी हरीश भट्ट, भाजपा जिलाध्यक्ष रघुवीर सिंह बिष्ट, व्यापार मंडल अध्यक्ष अंकोला पुरोहित और विहिप के पवन राठौर ने वन विभाग, पुलिस व जिला प्रशासन से मामले की गहराई से जांच करने की मांग की है। दरअसल, कपाट खोलने के लिए रुद्रनाथ मंदिर में तैयारियां शुरू की जानी थी वन प्रभाग का जांच दल मौके पर पहुंचा तो पाया कि मंदिर के दरवाजे को कुंडे सहित तोड़ दिया गया है साथ ही पुजारी आवास, धर्मशाला के दरवाजे टूटे मिले, टिन शेड को भी नुकसान पहुंचाया गया है। दल के सदस्यों ने इसकी सूचना रेंज कार्यालय को दी।
मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के साथ ही रूद्रनाथ के पुजारियों को भी सूचना दी गई। यह सोचनीय विषय है और एक जांच का विषय भी है कि मंदिर के साथ इस तरह की तोड़फोड़ किसके द्वारा की गई है लोगों ने जिला प्रशासन से निवेदन है कि उचित कार्रवाई करके वास्तविक स्थिति और तथ्यों को अति शीघ्र उजागर करने का कष्ट करें।
गोपेश्वर के आसपास रहने वाले लोगों ने बताया कि इसमें असामाजिक तत्वों के हाथ होने सम्भावना है। किसी जानवर द्वारा ऐसी घटना आज तक नहीं हुई है क्योंकि रूद्रनाथ मंदिर के गर्भगृह में लगे लोहे के शटर को भी क्षतिग्रस्त किया गया है। आगे से मंदिर की सुरक्षा के लिए कोई विशेष नीति भी बनाई जानी चाहिए। रुद्रनाथ मंदिर बेहद पौराणिक शिव मंदिर है इसे चतुर्थ केदार कहा जाता है समुद्रतल से 2290 मीटर की ऊंचाई पर स्थित रुद्रनाथ मंदिर भव्य प्राकृतिक छटा से परिपूर्ण है। रुद्रनाथ मंदिर में भगवान शंकर के एकानन यानि मुख की पूजा की जाती है।