डीएम हो तो ऐसा, हरफन मौला खिलाड़ी है ये डीएम, कोई ऐसा काम नहीं है जो इन्हें नहीं आता हो, बच्चों को पढ़ाना, बच्चों के साथ बैठ के भोजन करना, दूर दूर उन गांव तक पहुँचाना जहां आज तक कोई नहीं पहुंचा, लोगों की समस्याओं को उनकी ही भाषा में सुनकर निवारण करना।
इसके अलावा सफाई अभियान में पूर्ण रूप से जुटना, ग्रामीणों के कामों में हाथ बटाना जैसे कार्यों में दक्षता रखते हैं ये डीएम। हम बात कर रहे हैं रुद्रप्रयाग के डीएम मंगेश घिल्डियाल की इनसे बेहतर डीएम उत्तराखंड के लिए कोई और नहीं हो सकता।
जिलाधिकारी बुधवार को विकासखण्ड जखोली के अन्तर्गत गांव लावड़ी गांव पहुंचे यहां उन्होंने अपने हाथ में दरांती लेकर वो काम भी कर दिखाया जो अक्सर पहाड़ों पे महिलाएं ही कर पाती हैं उन्होंने 30 मीटर क्राफ कटाई एवं मडाई की। आपने पिछली बार टिहरी की डीएम सोनिका के बारे में भी कुछ इसी तरह की खबर भी पड़ी होगी। लोगों को ऐसे ही डीएम चाहिए जो उनके पास जाकर उनकी समस्याओं का आकलन कर सकें।
आपको बता दें कि डीएम मंगेश को धान की मंडाई के बाद तीस वर्गमीटर खेत में कुल आठ किलो सौ ग्राम कच्चा धान प्राप्त हुआ। मंडाई किये गये धान से पांच किलो अलग कर 16 दिन के पश्चात फिर से आंकलन किया जायेगा। इस दौरान जिलाधिकारी की कार्यशैली ग्रामीणों को खूब भाई। और उन्होंने डीएम की खूब तारीफ की।
जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने राजकीय उच्चतर प्राथमिक विद्यालय एवं प्राथमिक विद्यालय लडियासू क्षेत्र जखोली का भी औचक निरीक्षण किया। जिलाधिकारी ने विद्यालय में तीस मिनट तक छात्र-छात्राओं से सवाल पूछे तथा श्याम पट्ट पर जोड़, भाग, भिन्न, घटाना आदि सवाल हल करके समझाए।
अध्यापन के दौरान जिलाधिकारी ने पाया कि अधिकतर विद्यार्थी पढ़ाई में कमजोर हैं। इस सम्बन्ध में शिक्षकों को बच्चों के भविष्य के बारे में गम्भीरता से विचार करने को कहा।
उन्होंने कहा कि बच्चों पर मेहनत कर उनके शिक्षा का स्तर बढ़ाया जाय। इसके बाद जिलाधिकारी ने किंचन में जाकर बन रहे मध्याह्नन भोजन की जांच की।
इसके बाद जिलाधिकारी ने लडियासू गांव में जाकर ग्रामीणो की समस्या सूनी। इस अवसर ग्रामीणों द्वारा सड़क एवं अन्य समस्यायें जिलाधिकारी के सामने रखी। जिलाधिकारी ने ग्रामीणों को अवगत कराया कि सड़क का मामला वन विभाग की स्वीकृति के बाद शीघ्र गांव को सडक से जोड दिया जायेगा। ')}