देहरादून निवासी 24 वर्षीय मीनल कर्णवाल ने UPSC की परीक्षा में 35वीं रैंक हासिल की है। देहरादून के आशीर्वाद एनक्लेव निवासी मीनल कर्णवाल ने सेंट जोजेफ्स एकेडमी से 93.2 प्रतिशत अंकों के साथ 10वीं, 96.5 प्रतिशत अंकों के साथ 12वीं पास की। इसके बाद दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज से वर्ष 2015 में बीए पास किया। UPSC परीक्षा में पहली और दूसरी कोशिश में उन्हें सफलता नहीं मिली, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और तीसरी बार में उन्होंने देश में 35वीं रैंक हासिल कर अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया।
इस सवालों का जवाब देकर बनी आईएएस अधिकारी-
आप कहां के रहने वाले हैं? मीनल का जवाब- उत्तराखंड प्रदेश। सामने बैठे पैनल ने फिर सवाल पूछा, अगर आपको वहां की जिम्मेदारी दी गई तो विकास और पर्यावरण के बीच तालमेल कैसे करेंगी? मीनल ने जवाब दिया-विकास जरूरी है लेकिन पर्यावरण की कीमत पर नहीं।हम अगर विकास की योजनाओं के दौरान पर्यावरण के बारे में नहीं सोचेंगे तो दूरगामी परिणाम बहुत बुरे होंगे। ऐसे ही सवाल का जवाब देकर देहरादून की मीनल कर्णवाल ने सिविल सेवा परीक्षा में देशभर में 35वीं रैंक हासिल की है।
मीनल से पूछा गया कि उत्तराखंड की राजधानी दून में है जबकि हाईकोर्ट नैनीताल में है। लोगों को दिक्कत होती है तो क्या हाईकोर्ट को देहरादून में शिफ्ट किया जाना चाहिए? इस पर मीनल ने कहा कि चूंकि देहरादून का इंफ्रास्ट्रक्चर फिलहाल राजधानी के हिसाब से पर्याप्त है।
लिहाजा, ऐसा बदलाव करने से पहले शहर का इंफ्रास्ट्रक्चर बनाना होगा। उनसे यह भी सवाल पूछा गया कि गैर उत्तराखंडी लोगों को प्रदेश में 250 स्क्वायर यार्ड से अधिक जमीन खरीदने का अधिकार नहीं है, जिस वजह से विकास नहीं हो पाता और लोगों को रोजगार नहीं मिल पाता।
क्या आप अपने पास जिम्मेदारी आने पर इस नियम में बदलाव करवाएंगी? इस पर मीनल ने कहा कि बिल्कुल भी नहीं। इसके बजाए हमें तरक्की के दूसरे रास्ते जैसे टूरिज्म, खेती चुनने होंगे।
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