बजट सत्र के पहले दिन गैरसैंण में विभिन्न मुद्दों को लेकर जनता द्वारा प्रदशर्न किये गए। वहीं, दीवालीखाल में पोलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज कर दिया। पुलिस ने भीड़ में छोटे-बड़े किसी को नहीं बख्शा जिससे कई पुरुष और महिलाओं को चोंटे आयी हैं। जिसके बाद पुलिस की इस निर्मम कार्यवाही को लेकर सियासत गरम हो गई।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत कहा कि गैरसैंण में नंदप्रयाग-घाट सड़़क की माँग कर रहे आंदोलनकारियों पर पुलिस द्वारा की गई बर्बरता पूर्वक लाठीचार्ज की वो निंदा करते हैं। सरकार ने पुलिस से बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज कराकर अपनी कायरता का परिचय दिया है। कई अन्य संगठनों ने पुलिस की बर्बर कार्यवाही की निंदा की है, आम आदमी पार्टी ने इस मुद्दे पर सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा है कि प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज करना बेहद खेदजनक है। खासकर उन लोगों को लाठीचार्ज करना जो कि अपनी एक छोटी सी मांग को लेकर सरकार से मुखर हैं। उत्तराखंड क्रांतिदल ने इस मामले में सरकार पर जमकर हमला बोला है।
मुख्यमंत्री ने दिए जांच के निर्देश-
वहीं, सरकार की और से इस घटना की मजिस्ट्रेटी जांच के निर्देश दिए गए हैं। भाजपा के मुख्य प्रवक्ता मुन्ना सिंह चौहान ने कहा कि जनपद चमोली के गैरसैण के समीप दीवालीखाल नामक स्थान पर घाट ब्लाक के लोगों द्वारा सड़क चौड़ीकरण को लेकर किये जा रहे प्रदर्शन के दौरान ग्रामीणों व पुलिस प्रशासन के बीच घटित घटना को माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा गंभीरता से लिया गया है तथा सम्पूर्ण घटना की मजिस्ट्रेटी जांच कराए जाने निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि ये घटना घटित नहीं होनी चाहिए थी क्योंकि मुख्यमंत्री प्रत्येक जिला मुख्यालय को डबललेन और डेढ़लाइन सड़क से जोड़ने की घोषणा कर चुके हैं।