कोटद्वार के अनुराग ने इंजीनियर की नौकरी छोड़कर गांव वापसी की और खेती-किसानी को अच्छी आमदनी का जरिया बना डाला। इन दिनों उनकी बागवानी में नींबू-अमरूद के साथ पैपरिका व एलपीनो मिर्च और औषधीय गुणों से भरपूर काली हल्दी का उत्पादन हो रहा है। भारी मात्रा में उत्पादन को देखते हुए यह किसान की आमदनी भी अच्छी हो रही है। यह देखर दूसरे किसान भी उनसे सलाह लेकर खेती कर अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करना चाह रहे हैं वहीं अनुराग भी उनकी मदद करने को आगे रहते हैं।
दरअसल, कोटद्वार के रहने वाले इंजीनियर अनुराग चंदोला जुलाई 2021 में दिल्ली की एक बड़ी कंपनी की जॉब छोड़कर उत्तराखंड लौट आए और यहां खेती करने लगे। उन्होंने कड़ी मेहनत की और आज वो सब्जियां उगाकर लाखों कमा रहे हैं। उन्हें देखकर क्षेत्र के दूसरे युवा भी खेती के लिए आगे आ रहे हैं। 37 साल के अनुराग पौड़ी के थापली गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने बीटेक करने के बाद लखनऊ से एमबीए किया है।
उन्होंने कोटद्वार में 30 बीघा भूमि में नींबू और अमरूद के पौधे लगाए बाद में उन्होंने आधुनिक खेती की ओर बढ़ते हुए पैपरिका, एलपीनो व पार्सले और काली हल्दी की खेती शुरू कर दी। पहले ही प्रयास में अनुराग ने करीब 30 टन पैपरिका, 15 टन एलपीनो और डेढ़ टन काली हल्दी का उत्पादन किया। वे अपने खेतों में कैलोमाइल भी उगा रहे हैं। अनुराग ने कड़ी मेहनत से न सिर्फ अपने फैसले को सही साबित किया, बल्कि खुद के साथ-साथ कई परिवारों को आय का नया जरिया भी दिया। आज वो क्षेत्र के युवाओं के लिए मिसाल बन गए हैं।