उत्तराखंड के जो किसान कर्ज में डूबे हैं उनके लिए सरकार खुशखबरी लेकर आई है। शनिवार को हरिद्वार बाईपास स्थित वेडिंग पॉइंट में आयोजित ऋण मेले
पहुंचे सहकारिता राज्य मंत्री श्री धन सिंह रावत ने कहा है कि उन्होंने सभी बेंकों को निर्देश दिए हैं कि वे कर्जा लेने वाले किसानो के साथ अच्छा व्यवहार करे उन्होंने कहा कि अब कोई भी बेंक किसान की कोई भुगतान अगर अटक जाए तो नोटिस नहीं भेजा जाएगा।
कई किसान तो ऐसे हैं जिनकी बैंक के एक नोटिस के बाद मौत हो जाती है जिनकी मौत हो चुकी है। उनपे कोई व्याज नहीं वसूला जाएगा मृत किसानों के परिवार पर चल रहे कर्ज के बोझ को खत्म करने के लिए वन टाइम सेटलमेंट अभियान भी शुरू होने जा रहा है। उत्तराखंड में सहकारी बेंकों में 5 लाख किसानो के खाते हैं कुल कर्जे का 72% सहकारी बैंक किसान को मोहेया कराते हैं वहीँ राज्य में 250 सहकारी बैंक हैं।
किसानों के लिए प्रदेशभर के सहकारी बैंकों में बेहद सस्ती ब्याज दर पर ऋण दिया जाता है-
सात से 30 दिन तक 4.25 प्रतिशत,
31 से 90 दिन तक 4.50 प्रतिशत,
91 से 180 दिन तक 5.50 प्रतिशत,
181 दिन से एक वर्ष से कम तक 6.30 प्रतिशत,
एक से तीन वर्ष से कम तक 6.80 प्रतिशत,
तीन वर्ष और इससे अधिक दस वर्ष तक लोन लेने पर 6.25 प्रतिशत ब्याज दर है। ब्याज दरों में फरवरी में सरकार ने बढ़ोतरी की है।
')}