राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर लिंगानुपात को वृहद जागरूकता अभियान चलाया गया। जिसके तहत 02 महाविद्यालयों, 07 विद्यालयों सहित कुल 45 स्थानों पर टॉक शो व गोष्ठियों का आयोजन कर लिंगानुपात संतुलन पर चर्चा की गई। इस अवसर पर लिंगानुपात संतुलन की दिशा में सरकारी प्रयासों को साकार करने के लिए सामाजिक स्तर पर जागरूकता बढाने पर जोर दिया गया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एचसीएस मर्तोलिया के निर्देशन में पीसीपीएनडीटी कार्यक्रम के अंतर्गत घटते लिंगानुपात विषय पर राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अगस्त्यमुनि, राजकीय महाविद्यालय गुप्तकाशी, राइंका सिद्धसौड़, राइंका खांखरा, राइंका घिमतोली, राइंका फाटा, प्रावि धारकोट, प्रावि मनसूना,राउप्रावि पौड़ीखाल, ग्राम सुमाड़ी व 35 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों में लिंगानुपात लिंगानुपात संतुलन जागरूकता के उद्देश्य से टॉक शो का आयोजन किया गया। कार्यक्रमों के दौरान लिगांनुपात संतुलन के लिए कन्या भ्रूण हत्या रोकथाम व जागरूकता की शपथ ली गई।
राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अगस्त्यमुनि, राजकीय महाविद्यालय गुप्तकाशी में आयोजित टॉक शो में वक्ताओं ने कहा कि बालिका दिवस के आयोजन का मुख्य लक्ष्य लैंगिक असमानताओं को खत्म कर लिंग आधारित चुनौतियों के खात्में के लिए जागरूकता फैलाना, महिला सशक्तिकरण व महिलाओं को उनके अधिकार प्रदान करने में सहयोग प्रदान करना है। सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों के समन्वय में विद्यालयों व हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों में आयेजित गोष्ठियों में वक्ताओं ने लिंगानुपात के घटने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यदि समय रहते इस पर अंकुश न लगाया तो भविष्य में यह स्थिति और भयावह हो सकती है।
ग्राम पंचायत सुमाड़ी में आयोजित कार्यक्रम में जिला समन्वयक पीसीपीएनडीटी डा. मनवर सिंह रावत ने कहा कि घटते लिंगानुपात को कम करने उद्देश्य से गर्भधारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (पीसीपीएनडीटी) अधिनियम लागू किया गया है, जिसके अंतर्गत प्रसव पूर्व एवं गर्भस्थ शिशु के लिंग चयन प्रक्रिया को निषेध कर दिया गया है, भू्रण के लिंग परीक्षण के लिए गर्भवती महिला को प्रेरित करना व दबाव डालना, लिंग जांच में सहयोगी बनना, लिंग जांच करना या करवाने को अपराध की श्रेणी में रखा गया है। उन्होने बताया कि इस अधिनियम के अंतर्गत दोषी पाए जाने पर पांच वर्ष की सजा अथवा एक लाख का जुमार्ना या दोनों वहीं चिकित्सक के लिए 5 वर्ष की कैद, अर्थदंड व पंजीकरण रद्द करने का प्रावधान है। काउंसलर आरकेएसके विपिन सेमवाल ने लिंगानुपात संतुलन के लिए सामाजिक, सांस्कृतिक व आर्थिक कारकों के प्रति जनमानस को जागरूक करने, स्वस्थ्य समाज के लिए लैंगिक भेदभाव को दूर करने के लिए सामाजिक जागरूकता की वकालत की।
इन अलग-अलग कार्यक्रमों में प्राचार्य पीजी कॉलेज अगस्त्यमुनि डा. नवीन चंद्र खंडूड़ी, महाविद्यालय गुप्तकाशी के प्राचार्य डा. प्रताप सिंह जगवाण, ग्राम प्रधान सुमाड़ी उमेद सिंह, डा. दीक्षा गोदियाल, डा. आशीष थपलियाज, डा. विजय सेमवाल, डा. वैदेही पुरोहित, शोसल वर्कर दिगपाल कंडारी, बीपीएम मुदित मैठाणी, अमित नौडियाल, अमित मैठाणी, जयदीप कुमार सहित सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी आदि मौजूद रहे।