आल वेदर रोड प्रोजेक्ट के तहत उत्तराखंड में लाखों पेड़ काटे गए हैं, लेकिन अब तलवार रुद्रप्रयाग की शान कहे जाने वाले पीपल के पेड़ पर लटक रही है। यह पेड़ रुद्रप्रयाग के बाजार में सड़क के बीच में है जिसके कारण आल वेदर निर्माण में असुविधा हो रही है।
पूर्व में भी पेड़ को काटने का विरोध हुआ था इसलिए बुधवार को प्रशासन द्वारा चुपके से पेड़ के नीचे हनुमान मंदिर को तोड़ दिया गया, लेकिन विरोध के चलते पीपल का पेड़ टूटने से बच गया। आज जन अधिकार मंच रुद्रप्रयाग समेत बाजार के व्यापारी समूह ने मंदिर तोड़े जाने का घोर विरोध किया, साथ ही प्रशासन से मांग की है कि हजारों साल पुराना पेड़ न काटा जाय।
जन अधिकार मंच के अध्यक्ष मोहित डिमरी ने कहा कि पीपल का पेड़ रुद्रप्रयाग जनपद की शान है और धरोहर भी है। यह पेड़ न जाने कितनी पीढ़ियों से शुद्ध ऑक्सीजन और छांव दे रहा है। पेड़ काटना तो आसान है, लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि इस वृक्ष को बनने में सैकड़ों वर्ष लगे हैं और यह हमारी आस्था से भी जुड़ा हुआ है। पेड़ पर एक बैनर भी लगाया गया है जिसपे लिखा गया है ”हे रुद्रप्रयाग वासियों मुझे बचा लो” साथ ही समाज सेवकों और व्यापारियों द्वारा पीपल के प्राचीन पेड़ पर रक्षा सूत्र बांधकर इसे बचाने का संकल्प लिया गया।
इधर उत्तराखंड क्रांति दल डेमोक्रेटिक पार्टी के युवा मोर्चा प्रेसिडेंट रुद्रप्रयाग दीपक सिंह ने भी मंदिर तोड़े जाने को लेकर नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि पीपल के पेड़ किसी भी सूरत में नहीं काटने दिया जाएगा। यूकेडी डेमोक्रेटिक पार्टी इसका घोर विरोध करेगी।