मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने 74वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पुलिस लाईन देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में ध्वजारोहण किया।
उन्होंने कोरोना वारियर्स को सम्मानित भी किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने गैरसैंण के लिए 12 घोषणाएं की। जिसमें सी.एच.सी गैरसैंण में 50 बेडेड सब डिस्ट्रिक्ट हाॅस्पिटल की स्थापना की जायेगी।
हाॅस्पिटल में टेली मेडिसन की सुविधा प्रदान की जायेगी। भराड़ीसैंण विधानसभा परिसर में मिनी सचिवालय की स्थापना की जायेगी। भराड़ीसैंण क्षेत्र में पम्पिंग पेयजल लाईन का निर्माण कराया जायेगा।
भराड़ीसैंण-गैरसैंण में साइनेजेज लगाये जायेंगे।भराड़ीसैंण-गैरसैंण क्षेत्र में जियो ओएफसी, नेटवर्किंग का विस्तारीकरण कार्य कराया जायेगा। लोक निर्माण विभाग निरीक्षण भवन, गैरसैंण में 08 कमरों के निर्माण की स्वीकृति दी जायेगी। गैरसैंण ब्लाॅक में कृषि विकास हेतु कोल्ड स्टोरेज एवं फूड प्रोसेसिंग प्लांट की स्थापना की जायेगी। बेनीताल का एस्ट्रो विलेज के रूप में विकास किया जायेगा।
भराड़ीसैंण में ईको ट्रेल/ईको पार्क की स्थापना की जायेगी। जीआईसी भराड़ीसैंण में 02 अतिरिक्त कक्षा कक्ष का निर्माण किया जायेगा। राजकीय आईटीआई गैरसैंण का भवन निर्माण एवं उपकरणों हेतु धनराशि स्वीकृत की जायेगी।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने आजादी की 73 वीं वर्षगांठ पर सभी प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने देश के लिये अपना सर्वस्व बलिदान करने वाले, सभी स्वतंत्रता संग्राम सैनानियों और सैन्य व अर्धसैन्य बल के शहीद जवानों और अमर शहीदों और आंदोलनकारियों नमन किया।
उन्होंने कहा कि इस बार के स्वतंत्रता दिवस पर परिस्थितियां बहुत अलग हैं। पूरा देश, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में वैश्विक महामारी कोविड-19 से लड़ रहा है। माननीय प्रधानमंत्री जी ने देश हित में सही समय पर साहसिक फैसले लिए, जिससे यह महामारी नियंत्रित अवस्था में है।
अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए माननीय प्रधानमंत्री जी ने 20 लाख करोड़ रूपए का पैकेज दिया है। इसमें मजदूरोें, गरीबों, किसानों, व्यापारियों, उद्यमियों सभी वर्गों के हितों का ध्यान रखा गया है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि प्रदेशवासियों की भावना का सम्मान करते हुए राज्य सरकार ने गैरसैंण को उत्तराखण्ड की ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया है।
इसकी विधिवत अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। अब गैरसैण में राजधानी के अनुरूप आवश्यक सुविधाओं के विकास की कार्ययोजना बनाई जा रही है। पिछले वर्ष 36 लाख श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर आए। इसलिए भविष्य की आवश्यकताओं, श्रद्धालुओं की सुविधाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास की दृष्टि से चारधाम देवस्थानम बोर्ड का गठन किया गया है। उत्तराखण्ड में सभी के सहयोग से कोविड-19 से लड़ाई लड़ी जा रही है।
परिस्थितियों के अनुसार निर्णय ले रहे हैं। सर्विलांस, सेम्पलिंग, टेस्टिंग पर फोकस किया जा रहा है। राज्य में पर्याप्त संख्या में कोविड अस्पताल, आइसोलेशन बेड, आईसीयू बेड, आक्सीजन सपोर्ट बेड और वेंटिलेटर उपलब्ध हैं। आज राज्य के सभी जनपदों में आई0सी0यू0, वेंटिलेटर और ऑक्सीजन सपोर्ट सिस्टम की व्यवस्था है। देहरादून, श्रीनगर, अल्मोड़ा, हल्द्वानी, रुद्रपुर के बाद अब हरिद्वार और पिथौरागढ़ में भी मेडिकल कॉलेज बन रहे हैं।
पिछले लगभग तीन साल में पर्वतीय क्षेत्रों में डाक्टरों की संख्या पहले से लगभग ढाई गुनी की जा चुकी है। टेलीमेडिसीन और टेलीरेडियोलोजी भी लाभदायक साबित हो रही हैं। ग्राम स्तर पर स्वास्थ्य उपकेंद्रों का हैल्थ एंड वैलनैस सेंटर के रूप अपग्रेडेशन किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि अटल आयुष्मान योजना में राज्य के सभी परिवारों को 5 लाख रूपए वार्षिक की निशुल्क चिकित्सा सुविधा देने वाला उत्तराखण्ड, देश का पहला राज्य है। अभी तक लगभग 40 लाख लोगों के गोल्डन कार्ड बनाए जा चुके हैं, और लगभग 1 लाख 82 हजार मरीजों को योजना में निशुल्क उपचार मिला है। जिस पर लगभग 162 करोड़ रूपए खर्च किए जा चुके हैं।
राज्य के सरकारी कार्मिकों और पेंशनरों को भी इसके अंतर्गत शामिल किया गया है। अटल आयुष्मान योजना में नेशनल पोर्टेबिलिटी की सुविधा देते हुए देशभर के 22 हजार से अधिक अस्पताल इसमें सूचीबद्ध हैं। प्रदेश में लगभग चार लाख प्रवासी भाई बहनों को विभिन्न माध्यमों से उत्तराखण्ड में सकुशल वापस लाया गया हे। हमें इनके रोजगार की भी चिंता है।
इनकी स्किल मैपिंग करते हुए होप पोर्टल पर इनका पंजीकरण किया गया है।युवाओं और प्रदेश में लौटे प्रवासियों के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना शुरू की गई है। एमएसएमई के तहत इसमें ऋण और अनुदान की व्यवस्था की गई है। इसमें लगभग 150 प्रकार के काम शामिल किए गए हैं।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत उत्तराखण्ड राज्य के लगभग 62 लाख व्यक्तियों को प्रति माह प्रति व्यक्ति 5 किलो चावल और प्रति परिवार 1 किलो दाल निशुल्क वितरित की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड की परिस्थितियों में उद्योगों को अनेक प्रकार से राहत दी गई हैं।
वीर चंद्र सिंह गढ़वाली स्वरोजगार योजना और पं.दीनदयाल उपाध्याय होम-स्टे योजना में ऋण लेने वालों को अप्रेल से जून माह तक ब्याज पर छूट दी गई। माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन और केंद्र सरकार के सहयोग से केन्द्र की लगभग एक लाख करोड़ रूपए की विभिन्न परियोजनाएं प्रदेश के लिए स्वीकृत हुई हैं।
बहुत सी योजनाओं पर तेजी से काम भी चल रहा है। इनमें ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना, चारधाम सड़क परियोजना़, केदारनाथ धाम पुनर्निर्माण, भारतमाला परियाजना, जमरानी बहुद्देशीय परियोजना, नमामि गंगे, देहरादून स्मार्ट सिटी आदि प्रमुख हैं। सड़क, रेल व एयर कनेक्टीवीटी में काफी विस्तार हुआ है। एयर कनेक्टीवीटी पर विशेष जोर दिया गया है। राज्य में 27 हेलीपोर्ट विकसित किए जा रहे हैं। राज्य में उच्च स्तरीय संस्थाओं की स्थापना की है।
इनमें देहरादून में देश का पहला ड्रोन एप्लीकेशन सेंटर, डोईवाला में सीपेट, कोस्ट गार्ड भर्ती सेंटर, नेशनल लाॅ यूनिवर्सिंटी, अल्मोड़ा में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ऑन नेचुरल फाईबर शामिल हैं। भारत सरकार ने भारत नेट फेज -2 परियोजना के लिए 2 हजार करोड़ रूपए की स्वीकृति दी है। ‘‘हर घर को नल से जल’’ योजना में प्रदेश के 15 लाख से अधिक परिवारों को स्वच्छ जल दिलाने का लक्ष्य रखा गया है। तीन वर्षों में ये लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा।
ग्रामीण क्षेत्रों में केवल 1 रूपए पर पानी का कनेक्शन दिया जा रहा है। नमामि गंगे में 15 प्राथमिकता के शहरों में नए एस.टी.पी. निर्माण किए गए हैं। हरिद्वार में देश का पहला हाईब्रिड एन्यूटी माॅडल पर आधारित 14 एमएलडी क्षमता का एसटीपी स्थापित किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि सरकार में विकास का मूलमंत्र, सुशासन है। उत्तराखण्ड को भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था देने का हर सम्भव प्रयास किये जा रहे हैं। ई-केबिनेट, ई-आॅफिस, सीएम डैश बोर्ड उत्कर्ष, सीएम हेल्पलाईन 1905, सेवा का अधिकार और ट्रांसफर एक्ट की पारदर्शी व्यवस्था के चलते कार्यसंस्कृति में गुणात्मक सुधार हुआ है।
टिहरी गढ़वाल में डोबरा चांठी पुल सरकार की दृढ़ इच्छा शक्ति का सबसे बड़ा उदाहरण है। 14 साल के लम्बे इंतजार के बाद टिहरी को प्रतापनगर से सीधे जोड़ने के लिए डोबराचांठी पुल बनकर तैयार हो गया है। पिछले लगभग साढ़े तीन वर्षों में उत्तराखण्ड ने विभिन्न क्षेत्रों में बेहतरीन प्रदर्शन किया है।
राष्ट्रीय फलक पर उत्तराखण्ड अपनी पहचान बनाने में कामयाब रहा है। राष्ट्रीय स्तर पर मिले पुरस्कार इस बात की पुष्टि करते हैं। नीति आयोग द्वारा जारी ‘‘भारत नवाचार सूचकांक 2019’’ में पूर्वोत्तर एवं पहाड़ी राज्यों की श्रेणी में उत्तराखण्ड सर्वश्रेष्ठ तीन राज्यों में शामिल है।
राज्य को 66वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में बेस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट घोषित किया गया। स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए उत्तराखंड को सात पुरस्कार मिले हैं। ‘‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’’ अभियान में ऊधमसिंह नगर जिले को देश के सर्वश्रेष्ठ 10 जिलों में चुना गया। उत्तराखंड को खाद्यान्न उत्पादन में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए दूसरी बार कृषि कर्मण प्रशंसा पुरस्कार दिया गया।