उत्तराखंड में कोरोना योद्धाओं की मेहनत का नतीजा धीरे-धीरे रंग लाने लगी है। रिकवरी रेट में प्रदेश का नाम देश में सबसे ऊपर बना हुआ है। रिकवरी दर में UT लद्दाख के बाद उत्तराखंड देशभर में दूसरे स्थान पर है। प्रदेश में रिकवरी दर 80.23 प्रतिशत से ऊपर है। वहीं लदाख में 86 प्रतिशत से अधिक है। टॉप पांच राज्यों की बात करें तो इसमें लदाख और उत्तराखंड के बाद छत्तीसगढ़, चंडीगढ़ और दिल्ली आते हैं। छत्तीसगढ़ में कोरोना रिकवरी रेट 79 प्रतिशत है। चंडीगढ़ में 77.06 और दिल्ली में रिकवरी रेट 76.81 प्रतिशत है। बता दें कि देश का औसत रिकवरी रेट 62.78% है।

सैंपल टेस्टिंग और लैब-
स्वास्थ्य मंत्रालय दी गई जानकारी के अनुसार, पूरे देश टेटिंग लैब बढ़कर 1,180 हो गई हैं। उत्तराखंड में वर्तमान में कुल आठ टेस्टिंग लैब हैं। मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी, एम्स ऋषिकेश, दून हॉस्पिटल, श्रीनगर मेडिकल कॉलेज, आहूजा पैथोलॉजी लेब, जॉलीग्रांट हॉस्पिटल, आईबीआरआई मुक्तेश्वर और आईआईपी देहरादून में वर्तमान में कोविड-19 टेस्टिंग के लिए ICMR की मंजूरी मिली हुई है।
देश में अब तक कुल 1,13,07,002 टेस्ट हुए हैं। जबकि उत्तराखंड में अब तक 89,179 टेस्ट हुए हैं। इसमें से 77,553 रिपोर्ट नेगेटिव आई हैं वहीं, 3373 रिपोर्ट पॉजिटिव आई। राज्य में अभी भी 5649 सैंपल्स की रिपोर्ट पेंडिंग है। कहा जा सकता है कि सैंपल टेस्टिंग में उत्तराखंड काफी पिछड़ा हुआ है। जिस तरह से कोरोना की रफ़्तार बढ़ रही है उस हिसाब से टेस्टिंग क्षमता को नहीं बढ़ाया जा सका है। बता दें कि शुक्रवार तक राज्य में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 3373 तक पहुंच गया है। राज्य में 2706 लोग अस्पतालों से स्वस्थ होकर घरों को जा चुके हैं, जबकि एक्टिव संक्रमितों की संख्या 592 है।