पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का गुरुवार शाम को 5:05 बजे दिल्ली स्थित एम्स में निधन हो गया है। ‘भारत रत्न’ से सम्मानित अटल बिहारी बाजपयी के निधन के साथ राजनीति का ‘अटल’युग अस्त हो गया। वह 93 वर्ष के थे।
पिछले नौ सप्ताह से वह एम्स में भर्ती थे। बुधवार को उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था। उत्तराखंड को अलग राज्य के रूप में अस्तित्व में लाने में स्व.अटल बिहारी वाजपेयी का महत्वपूर्ण योगदान रहा था। उनके इस योगदान को कोई भी उत्तराखंडी भुला नहीं सकता।
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बुधवार को जैसे ही उनके गंभीर होने की खबर आई। लोग दुआएं करने लगे। कई जगह हवन और पूजन भी किया गया । बता दें कि तत्कालीन वाजपेयी सरकार ने नवोदित पहाड़ी राज्य उत्तराखंड को विशेष राज्य का दर्जा दिया था। उत्तराखंड में शासन ने सात दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है। श्रद्धांजलि स्वरूप कल राज्य में सरकारी कार्यालय व शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे। अटल बिहारी वाजपेयी के निधन के बाद सूबे के तमाम नेताओं ने उनके निधन पर शोक जताया।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उन्हें श्रद्धाजंलि दी और कहा कि राजनीति जगत में उनकी जगह कोई नहीं ले पाएगा। देश को उन्होंने जो मार्गदर्शन दिया उसके बल पर हमने कई किर्तिमान स्थापित किए हैं। जन जन के प्रिय पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के निधन से पूरा देश स्तब्ध है।
माननीय मुख्यमंत्री द्वारा श्री अटल बिहारी बाजपयी के सम्मान में श्रधांजली स्वरुप कल 17 अगस्त को उत्तराखंड राज्य के शासकीय और अर्द्धशासकीय कार्यालय /शिक्षण संस्थान बंद करने के निर्देश दिए गए हैं, इसके लिए सभी अधिकारीयों को निर्देश दिए गए हैं। ')}