माँ का दूध नवजात शिशुओं के लिए सेहतमंद भी सुरक्षित भी यह बात डॉ. आर राजेश कुमार, सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा प्रदेश में स्तनपान को बढ़ावा देने के लिए अगस्त से 07 अगस्त 2023 तक विश्व स्तनपान सप्ताह के शुभारंभ के अवसर पर कही।
विश्व स्तनपान सप्ताह पर डॉ. आर राजेश कुमार द्वारा बताया गया कि यह सर्वविदित है कि शिशु के लिए स्तनपान सर्वोत्तम आहार तथा शिशु का मौलिक अधिकार है। माँ का दूध शिशु के व्यापक, मानसिक विकास, शिशु को डायरिया, निमोनिया एवं कुपोषण से बचाने और स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।
उन्होंने बताया कि नियमित स्तनपान से 20 प्रतिशत तक नवजात शिशुओं की मृत्यु दर 13 प्रतिशत तक 5 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों, डायरिया से होने वाली मृत्यों में 11 गुना कम किया जा सकता है। अतः शिशु के जन्म उपरान्त एक घंटे के भीतर स्तनपान कराना आवश्यक है एवं प्रथम छ माह तक केवल माँ का दूध दिया जाये।
डॉ. आर राजेश कुमार द्वारा अवगत करवाया गया कि विश्व स्तनपान सप्ताह की इस वर्ष की थीम “Enabling breastfeeding: Making a difference for working parents” है स्पनपान से एंटीबॉडी मां से सीधे बच्चे तक पहुंचती है, जो बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है, बच्चों के जीवित रहने में मदद करता है और आजीविन स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है जिसको लेकर प्रदेश के सभी चिकित्सा इकाइयों में स्तनपान को लेकर जागरुकता अभियान चलाया जाएगा।
सचिव ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रत्येक जनपदों में आशाओं के माध्यम से छ माह तक के शिशुओं की माँ एवं गर्भवती महिलाओं को फ्लिप बुक्स के माध्यम से स्तनपान के बारे में सूचना देंगी एवं कार्यक्रम के अन्तर्गत माँ के साथ बैठक करेंगी, जिसका उन्हें नियमानुसार प्रोत्साहन राशि दी जाती है।
उनके द्वारा बताया गया कि कम वजन व समय से पहले जन्म लेने वाले बच्चों पर विशेष ध्यान होगा। इस तरह से हम आने वाली बच्चों को कुशल स्वास्थ्य दे पाएंगे, जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग कार्य कर रहा है।