शाहीन बाग़ की तर्ज में उत्तराखंड में भी सीएए और एनआरसी के खिलाफ महिलाओं ने ताज चौराहे से मोदी सरकार के खिलाफ हुंकार भरी। महिलाओं का कहना है कि हम भारतीय नागरिक हैं देश का कोई भी कानून हमको हमारे देश से नहीं निकाल सकता संविधान हमसे है हम संविधान के लिए नहीं।
धरना स्थल पर प्रदर्शन करती हजारों मुस्लिम महिलाओं ने प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ नारे लगाकर अपना आक्रोश व्यक्त किया, शुक्रवार को इलाके में धारा 144 लागू है, अब धरने को आठ नंबर स्थित मुसाफिर खाने में शिफ्ट कर दिया गया।
बृहस्पतिवार को कांग्रेस नेता इंदिरा हृदयेश ने महिलाओं का हौसला बुलंद किया और कहा कि सीएए और एनआरसी के खिलाफ हम सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने ऐसा कानून बनाया ही क्यों कि उनको तीन करोड़ लोगों को समझाने के लिए घर-घर जाना पड़ रहा है। बता दें कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शख्त बयान जारी करते हुए कहा था कि उत्तराखंड में भी कुछ घुसपैठिये पहुंचकर माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं उन्हें कामयाब नहीं होने दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि हमें सूचना मिली है कि प्रदेश में जामिया मिलिया विवि और कश्मीर से कुछ लोग आए हैं, जो सीएए पर प्रदेश के लोगों को भड़काने का काम कर रहे हैं। ऐसे लोग उत्तराखंड में घुसने का प्रयास न करें।
गुरुवार को एसजीआरआर पीजी कॉलेज में आयोजित रोजगार मेले में मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने यह बात कही, उन्होंने अधिकारियों को ऐसे लोगों पर निगरानी के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि कई लोग योजनाबद्ध तरीके से देश का माहौल खराब करने में जुटे हैं। संवैधानिक तौर पर विरोध करने का हक सबको है, लेकिन बाहर से आकर लोग प्रदेश के लोगों को भड़काएंगे तो उन पर सख्त कार्रवाई होगी।
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