कश्मीर में पाकिस्तानी गोलाबारी में शहीद हुए उत्तराखंड के मुनस्यारी ब्लॉक के नापड़ गांव निवासी हवलदार गोकर्ण सिंह (41) का पार्थिव शरीर सैन्य सम्म्मान के साथ पंचतत्वों में विलीन हो गया। आज सुबह नाचनी में रामगंगा एंव भुजगड नदी के संगम पर शहीद गोकरण सिंह चुफाल का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। शहीद के पार्थिव शरीर को मुखाग्नि बेटे मनीष ओर चाचा प्रेम सिंह ने दी।
गोकर्ण सिंह की पत्नी औऱ बच्चे बरेली में रहते थे, ऐसे में रविवार को शहीद जवान की पत्नी गीता और दो बच्चों को बरेली से पैतृक आवास लाया गया। गोकर्ण सिंह की शहादत के बाद परिजनों और ग्रामीणों का रो-रोकर बुरा हाल था, शहीद की पत्नी ने तिरंगे में लिपटे पति के पार्थिव शरीर की आरती उतारकर उन्हें सेल्यूट किया। तिरंगा में लिपटे पति की आरती उतारने की ये भावुक कर देने वाली तस्वीर देख वहां मौजूद लोगों की आंखें भी नम हो गई।
इसके बाद उनकी अंतिम यात्रा में सैकड़ों लोग सम्मलित हुए, रामगंगा नाचनी में उनके अंतिम संस्कार में विधायक हरीश धामी डीडीहाट विधायक विशन बिशन सिंह चुफाल डीडीहाट कांग्रेस नेता प्रदीप पाल, पीसीसी सदस्य चंचल चौहान सभासद तहसील वार्ड कविंद्र शाही दिवाकर कन्याल प्रकाश बोरा आदि मौजूद रहे।
बता दें कि हवलदार गोकर्ण सिंह चुफाल इसी साल दिसंबर में सेना से रिटायर होने वाले थे। गोकर्ण सिंह 16 दिसंबर 1996 को सेना में भर्ती हुए थे। बच्चों की शिक्षा के लिए उन्होंने पत्नी गीता, पुत्र मनीष और पुत्री चांदनी को बरेली में किराए के मकान में रखा था। दुखद सूचना से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।