एंटीबायोटिक दवाओं के प्रति आम लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से एम्स के जनरल मेडिसिन विभाग द्वारा अस्पताल के विभिन्न ओपीडी एरिया में नुक्कड़ नाटक प्र्रस्तुत किये गए। इस दौरान मरीजों और उनके तीमारदारों को एंटीबायोटिक दवाओं के ज्यादा इस्तेमाल से होने वाले नुकसान व बचाव की विस्तृत जानकारी दी गयी।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश के जनरल मेडिसिन विभाग द्वारा इन दिनों ’वर्ल्ड एंटिमाइक्रोबाइल अवेयरनेस वीक’ मनाया जा रहा है। सप्ताह व्यापी इस कार्यक्रम के तहत मंगलवार को अस्पताल परिसर के ओपीडी एरिया में नुक्कड़ नाटक के माध्यम से लोगों को एंटीबायोटिक दवाओं से शरीर मे पड़ने वाले विपरीत प्रभावों के बारे में जागरूक किया गया। उल्लेखनीय है कि संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह के मार्गदर्शन में संचालित इस अभियान के तहत अभी तक एंटीबायोटिक दवाओं के सम्बन्ध में जनजागरूकता के विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं। नुक्कड़ नाटक के दौरान चिकित्सा अधीक्षक प्रो. आर.बी. कालिया ने मरीजों और उनके तीमारदारों से आह्वान किया कि फिजिशियन डाॅक्टर की सलाह के बिना एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन कतई न करें। उन्होंने कहा कि कुछ लोग अपनी मर्जी से लंबे समय तक एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन करते रहते हैं। यह बहुत हानिकारक है।
नुक्कड नाटक के माध्यम से संदेश दिया गया कि एंटीबायोटिक दवाओं के सेवन के दौरान क्या-क्या सावधानियां बरती जानी चाहिए। इस अवसर पर मौजूद मरीजों और उनके तीमारदारों ने चिकित्सकों से दवाओं के उपयोग के बारे में विभिन्न सवाल जबाव भी किए। कार्यक्रम को जनरल मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डाॅ. रविकान्त, डाॅ. पी.के. पाण्डा, काॅलेज ऑफ नर्सिंग की फेकल्टी डाॅ. मनीष शर्मा और मुख्य नर्सिंग अधिकारी रीटा शर्मा आदि ने भी संबोधित किया। मंगलवार को ही एक अन्य कार्यक्रम के दौरान ’इंटीग्रेटेड एंटीमाईक्रोबाॅयल स्टेवर्डशिप फाण्डेशन’ कोर्स पर फेकल्टी सदस्यों, एस.आर., जे.आर. आदि के लिए व्याख्यान सत्र आहूत किया गया। सत्र में दवाओं की सेवन विधि, सैम्पल कलैक्शन विधि, तकनीक और सैम्पल के स्टोरेज आदि के बारे में लाभप्रद जानकारियां दी गयीं।
विभिन्न स्थानों पर हुए नुक्कड़ नाटक के दौरान कॉलेज ऑफ नर्सिंग की राखी मिश्रा, डी.एन.एस. सुश्री वन्दना, कल्पना और गिरिराज सहित कई एएनएस व नर्सिंग अधिकारी मौजूद रहे।