पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के अस्थिरता वाले बयान पर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पलटवार करते हुए कहा है कि हरीश रावत विपक्ष के वरिष्ठ नेता हैं और विपक्ष के नेता होने के नाते वो अपना धर्म निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की जो स्थिति है हो सकता है उनका बयान उसका परिणाम हो। दिल्ली चुनाव में बीजेपी की सीट भी बढ़ी हैं और मत प्रतिशत भी बढ़ा है जिसे अगर नुकसान हुआ है तो वो कांग्रेस पार्टी है।
बता दें कि एक दिन पहले हरीश रावत जी ने फेसबुक पर पोस्ट करते हुए लिखा था कि ”दिल्ली के चुनाव और उत्तराखंड में मची हलचल, एक बात का स्पष्ट संकेत दे रही है कि, उत्तराखण्ड फिर राजनैतिक अस्थिरता की तरफ जा रहा है। बीजेपी उत्तराखण्ड में राजनैतिक अस्थिरता पैदा करने के लिए अपराधिक स्तर तक दोषी है। राज्य के जन्म के साथ ही, भाजपा ने उत्तराखण्ड में अस्थिरता को जन्म दिया। ऐसा लगता है, अस्थिरता की लत भाजपा को इतनी गहरी लग चुकी है कि, वो छूटे नहीं छूट रही है।”
हरीश रावत जी के इस पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर सत्ता परिवर्तन की अफवाहों का बाजार भी गर्म हो गया, सोशल मीडिया पर अगले मुख्यमंत्री के दावे को लेकर सतपाल महाराज और निशंक जी का नाम लिया जा रहा है। वहीं, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के दून दौरे की अफवाह भी है। दिल्ली में श्रद्धांजलि कार्यक्रम के आयोजन में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और कई विधायकों के बुलावे को सत्ता परिवर्तन का संकेत मानते हुए सोशल मीडिया पर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं।
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