जखोली ब्लॉक मुख्यालय शराब और जुवा का अड्डा बन गया है और इस पर प्रसाशन भी मोन है । बिगत 1 बर्ष में 4 हत्या हो चुकी हैं हाल ही में बाँगर पट्टी की सरोजनी देवी के हत्यारे अभी भी आजाद घूम रहे हैं कानून की ऐसी व्यवस्था से जनता पहले ही पस्त है और सरकार जखोली ब्लॉक में दारू की दुकान खोल रही है। जखोली ब्लॉक की मात्र शक्ति अपना काम काज छोड़ भूखी प्यासी सड़क पर उत्तरने को मजबूर है।
शुक्रवार को जखोली ब्लोक रूद्रप्रयाग मे महिलाओं ने सरकार के प्रति अपना आक्रोश जताया उन्होंने कहा कि ये आन्दोलन तब तक है जब तक कि शराब पर पूर्ण प्रतिबन्ध नही लग जाता । कम से कम पहाड़ी जिलों को शराब मुक्त किया जाना चाहिऐ त्रिवेन्द्र सरकार पहाड़ी महिलाओं को समस्या नही समझ पा रही है बल्कि उन्हें वेबकूफ बनाकर षड़यंत्र रच रही है। शराब के विरूद्ध मे समूचे उत्तराखंड मे अभी भी मात्रशक्ति का आन्दोलन जारी है राज्य सरकार को शराब को ठोस विकल्प तलाश कर शराब पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाने पर विचार करना चाहिऐ यही सिलसिला जारी रहा तो उत्तराखंड में बीजेपी सरकार की लोकप्रियता पर आंच आ सकती है। प्रधानमन्त्री की डबल इंजन की सरकार से क्षेत्र के लोगों को काफी उम्मीदें हैं लोगों का कहना है कि सरकार विकास की जगह विनाश का कार्य कर रही है।
')}