रुद्रप्रयाग: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत केदारधाम में कार्य किये जा रहे हैं। इन कार्यों की लागत लगभग डेढ़ सौ करोड़ है, जिनमें तीन कार्य पूरे कर लिये गये हैं। केदारधाम में मंदाकिनी नदी 56 करोड़ की लागत से सुरक्षा दीवार का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, जबकि गोल चबूतरे से लेकर मंदिर के रास्ते का चैड़ीकरण का कार्य 25 करोड़ में पूरा किया गया है।
इसके साथ ही सरस्वती नदी पर घाट और सुरक्षा कार्य अगस्त माह तक पूराहो जायेगा। सरस्वती नदी पर आस्था पथ भी बनाया जा रहा है। घाट, सुरक्षा व आस्था पथ की लागत करीब 26 करोड़ है। धाम में दो कार्य अन्य होने हैं, जिनमें तीर्थ पुरोहितों के भवनों का निर्माण कार्य होना है।
73 तीर्थ पुरोहितों को भवनों का लाभ दिया जाना है। जून अंत तक दो भवनों का कार्य पूरा कर लिया जायेगा, जबकि दो और अन्य भवनों का कार्य भी शुरू कर लिया गया है। इनकी लागत 25 से 30 करोड़ के बीच है। केदारधाम में शंकराचार्य की समाधिस्थल का कार्य भी होना है। मशीनों में खराबी के कारण एक सप्ताह बाद कार्य शुरू कर लिया जायेगा।
2020 तक इस कार्य को पूरा कर लिया जायेगा। पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत पांच कार्यों का होना है, जिनकी लागत 150 करोड़ के करीब है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के साथ ही केदारधाम में अन्य कार्य भी होने हैं। इन कार्यों में भैरवनाथ मंदिर को जोड़ने के लिए सरस्वती घाट से पुल का निर्माण कार्य किया जा रहा है, जबकि गरूड़चट्टी को जोड़ने के लिए पुल का निर्माण कार्य भी शुरू हो गया है।
इसके अलावा केदारनाथ में पचास दुकाने बनाने का कार्य भी हैं। यह कार्य भी जल्द ही शुरू हो जायेगा। केदारनाथ मंदिर के लिए बनाये गये रास्ते के दौरान क्षतिग्रस्त भवनों को भी दुरूस्त करने का कार्य किया जायेगा। सेंटर प्लाजा का कार्य भूमि अधिग्रहण के बाद शुरू होगा। धाम में मंदिर के पीछे गांधी सरोवर की ओर एक रुद्रा गुफा तैयार की गई है।
जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल के प्रयासों से अन्य गुफाओं का निर्माण कार्य भी जल्द शुरू हो जायेगा। इस गुफा के अलग-बगल अन्य प्राकृतिक गुफाएं भी हैं, उन्हें भी विकसित किया जायेगा। ऐसे में तीर्थयात्रियों को ध्यान साधना में कोई परेशानी नहीं होगी। अगले यात्रा सीजन तक अधिकतर कार्य पूरे हो जायेंगे, जिसके बाद तीर्थयात्रियों को और अधिक बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।
केदारनाथ धाम में सिंचाई विभाग केदारनाथ, डीडीएमए रुद्रप्रयाग, सीएसआर के तहत जिंदल गु्रप कार्य कर रहा है। लिनचैली से केदारनाथ के बीच उभरे ग्लेशियरों से बचने का प्रशासन ने समाधान निकाल लिया है। जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि ग्लेशियरों से आये दिन पत्थरों के गिरने की शिकायत आ रही है।
ऐसे में पत्थरों की स्पीड को रोकने के लिए वाॅयर मेस (सुरक्षात्मक जाली) का निर्माण किया जा रहा है। रास्ते के ऊपर ग्लेशियर में वायर मेस लगने के बाद पत्थरों के गिरने का सिलसिला बंद हो जायेगा। डीडीएमए इस कार्य को कर रहा है। एक सप्ताह के भीतर कार्य को पूरा कर लिया जायेगा। यात्रा के बाद वाॅडिया इंस्ट्टियूट ने ग्लेशियर का अध्ययन किया और रिपोर्ट आने के बाद ग्लेशियर को लेकर कार्यवाही शुरू की जायेगी।
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