टिहरी जिले के सबसे पिछड़े गांव गंगी में बिजली आज तक भी नसीब नहीं हुई है ये तो आप भी जानते होंगे, आज आजादी के 70 साल बाद भी यहां सरकार बिजली नहीं पहुंचा सकी है, लेकिन बीजेपी सरकार का एक तोहफा इस गांव ने स्वीकार कर लिया है और अब यह गांव रात को अंधेरे में नहीं रहेगा। इसके लिए ऊर्जा निगम ने 80 लाख की लागत से गांव में सौर ऊर्जा लाइट लगाईं हैं, कहा जा सकता है कि बिजली तो नहीं लेकिन इस गांव को अब पहली बार रोशनी की सौगात मिल गयी है।
ऊर्जा निगम ने इसके लिए तैयारी पूरी कर रखी थी। हालांकि, अभी कई घरों में बेटरी पहुँचाना बाकी है लेकिन निगम ने दावा किया है कि वो पुरे गांव को एक-दो दिन के अन्दर ही पूरी तरह रौशनी से नहला देंगे। आपको बता दें कि टिहरी जिले के भिलंगना ब्लॉक का गंगी गांव जिले का सबसे पिछड़ा गांव है। यहां बिजली, पानी, सड़क, संचार और स्वास्थ्य की कोई सुविधा नहीं है।
खतलिंग ग्लेशियर की तलहटी में बसे 160 परिवारों वाले इस गांव तक पहुंचने के लिए घुत्तू से आगे रीह तक सड़क जाती है। यहां से इस गांव तक 12 किमी की खड़ी चढ़ाई है। यही वजह है कि यहां कोई भी सरकार बिजली पहुँचाने में विफल रही है। इस गांव की यात्रा हरीश रावत जैसे मुख्यमंत्री भी कर चुके हैं लेकिन वो इस गांव को बिजली भी नहीं दे पाए थे, अब सौर उर्जा के रूप में ग्रामीणों को रौशनी की सौगात मिल गयी है। ')}