उत्तराखंड एक ऐसा राज्य जिसने देश पर कई ऐसे जवान कुर्बान किये हैं जिनकी वीरता की चर्चा जब भी होती तो गर्व महसूस होता है, जम्मू-कश्मीर के राजौरी में आतंकवादियों से मुठभेड़ में चमोली जिले का जवान जगदीश पुरोहित शहीद हो गया। बृहस्पतिवार को नंदाकिनी और अलकनंदा के संगम स्थल पर शहीद का अंतिम संस्कार किया जाएगा। चमोली जिले के घाट ब्लॉक के गंडासू गांव निवासी जगदीश पुरोहित (34) पुत्र गोविंद राम पुरोहित पंद्रह वर्ष पूर्व गढ़वाल राइफल में भर्ती हुए थे।
वो आतंकवाद के खिलाफ चलाये गए कई ऑपरेशन का हिस्सा रह चुके थे, वीर साहसी यह सैनिक अपनी संस्कृति से बेहद लगाव रखता था, बीते वर्ष दिवाली पर वो छुट्टी आये थे लेकिन तब वो नहीं जानते थे कि यह उनकी अपनी बच्चों से आखिरी मुलाक़ात होगी। वर्तमान में वह महार रेजीमेंट में राजौरी में तैनात थे। 22 जनवरी को आतंकवादियों से मुठभेड़ के दौरान वह घायल हो गए। उन्हें राजौरी सेना हॉस्पिटल में भर्ती कराया जहां अगले दिन 23 जनवरी की देर रात उनकी मौत हो गई।
शहीद अपने पीछे मां सुरेशी देवी, पत्नी उषा देवी, डेढ़ साल का बेटा और पांच साल की पुत्री को छोड़ गया बेटे की मौत की खबर सुनने के बाद उनकी माता सुरेशी देवी और पत्नी ऊषा का रो-रोकर बुरा हाल है।
शहीद के बड़े भाई अनसूया प्रसाद पुरोहित गोपेश्वर में एक स्वयंसेवी संस्था में कार्यरत हैं। ग्रामीणों के अनुसार जगदीश पुरोहित मिलनसार और बेहद हंसमुख थे। वो दीवाली में घर आए थे। शहीद के घर पर सेना की और से फ़ोन आया था, तभी से शहीद के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। घर में अब सभी को उनके पार्थिव शरीर के पहुँचने का इन्तजार है।
उत्तराखंड के इस लाल की फेसबुक प्रोफाइल पर अपने परिवार के साथ उनकी तसवीरें देख हर किसी का दिल पिगल जाएगा। वो अपने परिवार के साथ बेहद खुश नजर आ रहे हैं, उन्हें क्या पता था कि एक दिन वो अपने बच्चों को छोड़ इस तरह गुजर जायेंगे। इस वीर जवान को श्रधांजलि। जय हिन्द। ')}