उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के भैसाड़ी गांव के मूल निवासी सेना के कैप्टन रक्षित भैसोड़ा (23) की सड़क हादसे में मौत हो गई। 23 साल के रक्षित का सेना में चयन 2012 में एनडीए के जरिए हुआ था। रक्षित मार्फर जाट रेजीमेंट में थे और इस समय वे जम्मू में तैनात थे। जम्मू में लाले दा बाग क्षेत्र में अकालपुर चौक के निकट रक्षित की क्रेटा कार एक पोल से टकरा गई। इस हादसे में रक्षित की मौत हो गई।
कैप्टन रक्षित का शव शुक्रवार को हल्द्वानी पहुंचा और रानिबाग में उनका अंतिम संस्कार किया गया, इस दौरान उन्हें सेना द्वारा गार्ड ऑफ होनर की सलामी दी गई, आपको बता दें कि रक्षित का परिवार हल्द्वानी में किराए के मकान में रहता हैं। रक्षित के पिता नंदन सिंह रिटार्यड शिक्षक हैं। घर में बेटे की मौत के बाद परिवार में कोहराम मचा हुआ है।
रक्षित के परिवार ने बताया कि वो बचपन से ही मेधावी छात्र रहा है। उन्होंने प्राथमिक पढ़ाई सनवाल स्कूल नैनीताल और इंटर की शिक्षा घोड़ाखाल सैनिक स्कूल से की थी। 2012 में जब उनकी 17 वर्ष थी तभी उनका चयन एनडीए के जरिये सेना के लिए हो चूका था, 2016 में एनडीए से पास आउट होने के बाद लेफ्टिनेंट पद पर तैनात हुए। अभी हाल ही में प्रोन्नति मिलने पर रक्षित कैप्टन बन गए थे। एक नौजवान वीर सिपाई खोने से पुरे देश को बड़ी छति हुई। ')}