आपने उत्तराखंड के जोनसार बावर जनजाति में दुल्हन द्वारा बरात दुल्हे के घर ले जानी वाली खबर तो पड़ी होगी, लेकिन आपने अक्सर उस पर विश्वास नहीं किया होगा क्योंकि आपने कभी ऐसी शादी नहीं देखि थी, लेकिन इस बार आप ऐसी शादी देखने जा रहे हैं जिसमे दुल्हन बरात लेकर दुल्हे के घर जायेगी। शादी आने वाले 6 मार्च को है लेकिन इससे पहले ही ये शादी का कार्ड खूब वायरल हो रहा है।
आपने अक्सर देखा होगा कई परिवार विवाह समारोह को भव्य बनाने में लाखों-करोड़ों की रकम पानी की तरह बहा देते हैं। उनके लिए उत्तराखंड का जनजातीय क्षेत्र जौनसार-बावर एक नजीर देता दिखता है। यहां विवाह समारोह में दिखावे के नाम पर होने वाली फिजूलखर्ची को सामाजिक बुराई माना जाता है। यहां दहेज रहित शादी व फिजूलखर्ची रोकना संस्कृति का प्रमुख हिस्सा है। जौनसार-बावर के ज्यादातर ग्रामीण इलाकों में परंपरा के अनुसार दुल्हन बरात लेकर दूल्हे के घर पहुंचती है।
जनजातीय परपंरा के अनुसार देहरादून जिले के इस ग्रामीण इलाकों में आज भी दुल्हन गाजे-बाजों के साथ दूल्हे के घर बरात लेकर पहुंचती है। इसी परपंरा को कायम रखते हुए अटाल के प्रधान ने अपने तीन भाइयों का विवाह जौनसारी रिवाज से एक ही दिन कराने का फैसला किया है। विवाह नजदीक है और सभी ग्रामीण अभी से तैयारी में जुट गए हैं। इस दिन तीन दुल्हन एक साथ बरात लेकर प्रधान के घर पहुंचेंगी। विवाह में करीब दो हजार लोग शामिल होंगे।
फिलहाल दुल्हन की और से ये प्रस्ताव पास हो गया है, दरअसल यह दहेज़ प्रथा के खिलाफ एक सन्देश देता विवाह है। दो दुल्हन त्यूनी और एक दुल्हन हिमांचल से बरात लेकर दुल्हे के घर आएँगी। इस शादी में दुल्हन की और से कोई अतिरिक्त खर्चा नहीं उठाया जाएगा। ')}