चुनाव के माहोल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केदारनाथ पहुंचकर इस पवित्र धाम का प्रमोशन कर लिया है। पूरी दुनिया की नजर मोदी पर थी और मोदी भगवान शिव की अराधना में लीन थे। इसके बाद जब वह बद्रीनाथ धाम पहुंचेंगे, तो प्रमोशन का यह क्रम और मजबूती से आगे बढ़ जाएगा।
दोनों धामों में लाखों श्रद्धालु केदारनाथ और बदरीनाथ आते हैं। लेकिन मोदी जी जब से प्रधानमंत्री बने हैं तब से इन धामों की गरीमा दो गुनी से भी ज्यादा बढ़ गई है। 2013 में आपदा के बाद मोदी जी ने गुजरात सरकार की ओर से मंदिर के पुनर्निर्माण की पेशकश की थी, जिसे विजय बहुगुणा सरकार ने ठुकरा दिया था। पीएम बनने के बाद केदारनाथ पुनर्निर्माण पर मोदी के फोकस को देश-दुनिया ने बहुत करीब से महसूस किया है।
आज धाम की स्थिति लगातार सुधर रही है। यहां उत्तराखंड में मोदी जी की इस यात्रा का कांग्रेस घौर विरोध कर रही है लेकिन उत्तराखंड के लोग जानते हैं कि चारधाम यात्रा के लिहाज से मोदी का दौरा यात्रा को शुरुआत में ही नई ऊर्जा देने वाला साबित होने वाला है। हम इस यात्रा को चुनाव की दृष्टि ने ना देखकर उत्तराखंड के फायदे के दृष्टिकोण से देखना पसंद करेंगे।
धीरे-धीरे बर्फ के बीच चलते हुए मोदी जी को देश और दुनिया में देखा जा रहा है ऐसे में केदारनाथ आने वाले श्रधालुओं द्वारा यात्रा को लेकर प्लान बन रहा है। उत्तराखंड के लिए मोदी की यह यात्रा बेहद फायदेमंद साबित होने वाली है। आने वाले दिनों में यात्रा पर इसका पूरा प्रभाव पड़ेगा। वैसे भी चुनाव आचार संहिता लागू होने की वजह से इस बार राज्य सरकार यात्रा के प्रमोशन के लिए कुछ नहीं कर पाई है। यात्रा के इंतजाम भी पिछडे़ हुए रहे हैं।
इन स्थितियों के बीच, मोदी के आने के बाद सुरक्षित उत्तराखंड का संदेश और प्रभावी ढंग से आगे बढ़ना तय माना जा रहा है। इस बार यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा नई ऊंचाई को भी छू सकता है। वैसे, भी 2013 की आपदा के बाद से हर वर्ष श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। वर्ष 2018 की यात्रा में 27 लाख से ज्यादा यात्री उत्तराखंड की चारधाम यात्रा पर आए थे। इस साल शुरुआत से ही चारधाम यात्रा में विदेशियों की संख्या भी बढ़ी है, अगर मौसम ने साथ दिया तो इस साल भी यह रिकॉर्ड टूटना तय है।