रेलवे प्रशासन ने सूरत से उत्तराखंड निकले 167 लोगों के लापता होने की खबर को भ्रामक बताया है। सूरत से हरिद्वार पहुंची श्रमिक एक्सप्रेस में कई प्रवासी चढ़े ही नहीं। जैसे कि पुणे से भी 80 प्रवासियों ने अपनी ट्रैन नहीं पकड़ी उनका कहना था कि उद्योगों के शुरू होने कंपनी में काम करने वाले लोग नहीं लौटे होंगे। इसी तरह गुजरात में उत्तराखंड के कई युवा कंपनी में काम करते हैं।
गौरतलब है कि लॉकडाउन थ्री में कई उद्योगों को शुरू करने की पहल सरकार द्वारा की गई है। यही वजह है कि रजिस्ट्रेशन कर चुके ये प्रवासी नहीं लौटे, हो सकता है इनमे से कुछ लोग स्टेशन पहुँचने में असमर्थ रहे होंगे। लेकिन फिर भी प्रशासन पूरी जानकारी जुटाने में लगा है। जांच के बात जल्द खुलासा भी हो जाएगा, ट्रैन में कुछ हरियाणा और उत्तरप्रदेश के युवक मिले थे उन्होंने खुद को उत्तराखंड का बताया था। हो सकता है कुछ अन्य लोगों ने इसी तरह का कृत्य किया हो और रास्ते में ही उत्तर गए होंगे।
दरअसल, श्रमिक एक्सप्रेस हरिद्वार पहुंची थी उसमें 1340 लोगों के सवार होने की बात बताई गई थी। जब उनकी गिनती की गई तो कुल 1173 यात्री ही निकले। इसके बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया। अधिकारियों का कहना है कि ट्रेन रास्ते में कहीं रुकी इस बारे में पता किया जा रहा है। साथ ही सूरत के अधिकारियों से भी जानकारी मांगी जा रही है। बहरहाल प्रशासन में इस वाकये को लेकर हड़कंप मचा हुआ है और इन यात्रियों की पड़ताल की जा रही है। वस्तुस्थिति का पता लगते ही इस मामले में कड़ी कार्रवाई के संकेत प्रशासन ने दिए हैं।