सोशल मीडिया पर एक फोटो खूब वायरल हो रहा है, दरअसल पत्रकार त्रिलोचन भट्ट ने अपनी फेसबुक पर एक पति पत्नी की फोटो शेयर की है जो कि कई दिन से ठण्ड पर किसी मजबूरी में अनशन के लिए मजबूर हैं, उन्होंने सोशल मीडिया को सहारा बनाते हुए एक पोस्ट लिखा है कि ये दोनों बच्चे पति-पत्नी हैं। इनका कहना है कि देहरादून में एक पार्षद ने पहले इनके घर का रास्ता बंद किया, विरोध करने पर ताला लगा दिया। ये दोनों 10 जनवरी से परेड ग्राउंड में रात दिन ठिठुरती ठंड और 3 दिन पहले हुई बारिश के बावजूद धरने पर हैं।
23 जनवरी से दोनों अनशन पर है। सुबह इस बच्ची ने मुझे मेसेज किया कि मेरी तबियत ज्यादा खराब है। उसे शायद लग रहा हो कि मैं कुछ करूंगा, पर खबर लिखने के अलावा मैं क्या कर सकता हूं। इन बच्चों की जान खतरे में है।। प्लीज इस मैसेज को Cm तक पहुंचाएं, ताकि इन बच्चों को न्याय मिले।
उन्होंने आगे लिखा है (यदि इनका आरोप झूठा है तो भी असलियत सामने आनी चाहिये। आखिर ये जान देने पर क्यों उतारू हैं?) उन्होंने अपनी पोस्ट में पार्षद का नाम आनंद त्यागी बताया है। इस पोस्ट के वायरल होने के साथ मानो फेसबुक पर त्रिवेन्द्र सरकार की किरकिरी शुरू हो गयी। लोग कई तरह के सवाल करने लगे, इस तस्वीर को अब तक करीब 2000 से जादा लोग शेयर कर चुके हैं।
इसके बाद उन्होंने पोस्ट पर कमेंट देखने के बाद लोगों से ये कहा इस पोस्ट पर कई सवाल उठाए जा रहे हैं। मेरी पोस्ट का मकसद सिर्फ 2 बच्चों की जिंदगी बचाना है। असलियत क्या है, इसे देखने के लिए CM से लेकर DM तक हैं। पर अब तक वे जागे नहीं हैं। उन्होंने एक बार फिर अपनी पोस्ट को एडिट कर लिखा कि कुछ लोग बहुत गुस्से में अनुचित शब्द कह रहे हैं। ऐसा नही होना चाहिए। दुखद है कि CM साहब को टेग करके एक ट्वीट किया था दोपहर में, उसका जवाब अभी नहीं मिला।
मामला कुछ भी हो सरकार को इस तरह के मामलों में आम जनता की समस्या को जरूर सुनना चाहिए, अगर इस तरह गरीब आदमी सड़क पर आने को मजबूर हुआ है तो कहीं ना कहीं यह बीजेपी सरकार की लापरवाही का नतीजा है। हो सकता नागरिक द्वारा ही कोई गलती हुई हो लेकिन शासन को उस और देखना चाहिए पुलिस को इस बारे में तहकीकात करनी चाहिए यदि छोटे मामले में ऐसा होगा तो बड़े बड़े मामलों में सरकार क्या करेगी? ')}