रुद्रप्रयाग में बलात्कार की झूटी खबर के वायरल होने के बाद स्थिति तनाव पूर्ण हो गयी जिसके बाद खुद जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल को सोशल मीडिया पर इस खबर का खंडन करना पढ़ा हालाँकि क्षेत्रवासियों में इसे लेकर काफी रोष है, अगस्त्यमुनि में छात्र-छात्राओं ने स्थानीय लोगों के साथ आक्रोष रैली निकाली। हालांकि जिलाधिकारी तथा पुलिस अधिकारियों ने इसे सिर्फ अफवाह बताया है। जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने एक मैसेज जारी कर इस पूरे घटनाक्रम को अफवाह करार दिया है और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
उन्होंने इसे सोशल मीडिया की करतूत बताते हुए इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है। अगस्त्यमुनि में 4 अप्रैल की शाम को हुए एक घटनाक्रम के अनुसार कालेज के निर्माणाधीन भवन में एक युगल को कुछ मजदूरों ने आपत्तिजनक स्थिति में देखा। मजदूरों के वहां आ जाने पर लड़का भाग गया। बताया जा रहा है कि मजदूरों ने लड़की की तस्वीरें ली और उससे अगले दिन मिलने आने को कहा। यह बात लड़की ने अपनी सहेली को बताई।
सहेली ने छात्र संघ पदाधिकारियों को इसके बारे में बताया। ब्लैकमेल करने के आरोप में छात्रों ने तीनों मजदूरों को पुलिस के हवाले कर दिया। इस घटना को लेकर सोशल मीडिया में लगातार कई तरह की बातें प्रकाशित हो रही थी। कुछ संगठनों ने इसे देवभूमि को कलंकित करने की घटना बताकर इसके खिलाफ आवाज उठानी शुरू कर दी। कोटद्वार, चंबा, सतपुली, नौगांव से लेकर कई स्थानों पर बालिकाओं तथा लड़कियों के साथ एक समुदाय विशेष द्वारा लगातार हो रही घटनाओं को लेकर लोगों को गुस्सा उबल आया। देखते ही देखते अगस्त्यमुनि कस्बे में आगजनी शुरू हो गई। इसके साथ ही छात्र-छात्राओं ने स्थानीय लोगों के साथ जुलूस प्रदर्शन भी किया।
अफवाह को बढ़ाने में सोशल मीडिया की भूमिका आग में घी का काम कर गई। जिलाधिकारी ने एक वीडियो मैसेज जारी कर साफ कहा है कि ऐसी कोई घटना हुई ही नहीं है। सोशल मीडिया में दो तस्वीरें जारी की गई हैं, जिसमें किसी को चेहरा तक नहीं दिखाई दे रहा है। न इसे लेकर कोई तहरीर आई है।
देखिये जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग में अपने मेसेज में क्या कहा है वीडियो-
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