उत्तराखंड पुलिस मित्रता, सेवा और सुरक्षा का प्रतीक है। विश्वास, धैर्य और साहस के साथ उत्तराखंड पुलिस काम करती है, श्रद्धालुओं की मदद के लिए उत्तराखंड पुलिस हमेशा तत्पर और सतर्क है। इसका उदाहरण सोशल मीडिया पर वायरल एक पत्र है जिसमे एक अभिजीत नाम के श्रद्धालु द्वारा उत्तराखंड पुलिस की कार्यशैली की प्रसंसा की गई है।
पत्र में लिखा गया है कि मैं उत्तराखंड पुलिस की तत्परता और त्वरित प्रतिक्रिया से बहुत खुश हुँ। 14 अगस्त को जोशीमठ से श्रीनगर वापस आते समय एक निजी वाहन में मैनें अपना आईफोन खो दिया था। श्रीनगर स्टेशन पर श्री मनोज पंडवाल द्वारा सहायता के बदले में उन्होने टूर गाइड से संपर्क किया । जिस पर गाड़ी ड्राईवर ने पैसे मांगे। तब हमने श्रीनगर पुलिस स्टेशन के स्टेशन अधिकारी से संपर्क किया और उन्होंने धैर्यपूर्वक हमारी शिकायत सुनी और फोन नंबरों को नोट किया और कुछ ही घंटों में ड्राइवर और फोन को पकड़ लिया।
उस दौरान श्री मनोज पंडवाल मुझे सारे घटनाक्रम से अवगत करा रहे थे। उन्होने आखिरकार मोबाइल पकड़ लिया और यहां तक कि मुझे मेरे मोबाइल को डीटीडीसी कूरियर के माध्यम से भेजने का प्रयास किया और 19 अगस्त को मेरा फोन अच्छी स्थिति में आ गया। उन्होंने जो व्यावसायिकता दिखाई वह उच्च कोटि की है। यह उत्तराखंड पुलिस के सक्षम नेतृत्व और प्रभावशीलता का स्तर बताता है।
उनकी ईमानदारी से आपके और आपके विभाग के लिए धन्यवाद। खुद को राज्य कैडर ओडिशा का एक सिविल सेवक होने के नाते हम जिस तरह से फील्ड ऑफिसर द्वारा व्यवहार किया जाता है, हम हैरान हैं। मैं एक बार फिर श्रीनगर गढ़वाल पुलिस स्टेशन के कांस्टेबल 407 सीपी श्री मनोज पंडवाल के प्रति अपनी कृतज्ञता ज्ञापित करता हूं और उनके प्रयास के लिए उत्तराखंड पुलिस का धन्यवाद करता हूं।
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