रुद्रप्रयाग: जल शक्ति अभियान के अंतर्गत जल संरक्षण, संचय एवं संवर्द्धन को लेकर जिला कार्यालय सभागार में जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल की अध्यक्षता में बैठक आयोजित हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि अभियान के प्रथम चरण में 27 गावों मे स्त्रोतों के संरक्षण, सुधारीकरण, पुनर्जीवन के लिए कार्य किया जायेगा, जिसके अंतर्गत नोडल अधिकारी व विशेषज्ञ की टीम स्त्रोत का अध्ययन करेगी।
जिलाधिकारी ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि जल संरक्षण एवं संवर्द्धन सहित सभी कार्य वैज्ञानिक पद्धति से किये जांय और विशेषज्ञों का भी पूर्ण सहयोग लिया जाय। उन्होंने कहा कि लगातार भूमिगत जल स्तर नीचे जा रहा है, इसको रोकने व जल स्तर ऊपर लाने के लिए व्यापक कार्य योजना तैयार की जाय।
उन्होंने बताया कि जल शक्ति अभियान को सफल बनाए और जल संचय, संरक्षण एवं संवर्द्धन के प्रति जनजागरूकता लाने के लिए एनजीओ, आर्मी, पैरामिल्ट्री, विद्यार्थियों, गणमान्य नागरिकों, एनएसएस के साथ ही आमजन की सहभागिता सुनिश्चित कराई जायेगी।
बैठक में अधिकारियों द्वारा सुझाव दिया गया की मेढ़ पर नैपियर घास, स्त्रोत के आस पास की बंजर भूमि पर खुदाई कार्य, कंटूर फररो, रिचार्ज पिट, चेकडैम आदि कार्य से श्रोत के जल को संरक्षित व रिचार्ज किया जा सकता है। इस अवसर पर डीएफओ मयंक शेखर, अपर जिलाधिकारी अरविंद पांडेय, ओसी मयादत्त जोशी, पीडी रमेश चंद्र, सीवीओ डॉक्टर आरएस नितवाल, सीएओ सुधर सिंह, डीएचओ योगेंद्र सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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