जनरल रावत ने कहा कि अगर प्रदर्शनकारी पत्थरबाजी करने के बजाय गोली चलाते तो उनके लिए हालात ज्यादा आसान होते। उस स्थिति में मुझे जो करना होता करता। उन्होंने कहा कि सेना का हर किसी से दोस्ताना व्यवहार है लेकिन हमें कानून-व्यवस्था बहाल करने के लिए बुलाया जाता तो लोगों में सेना का डर पैदा करना होगा ऐसे में साफ़ संकेत मिल रहे हैं कि सेना पत्थरबाजों पर सक्त रवैया अपनाना चाहती है उन्होंने कहा कि जब लोग सेना पर पत्थर और पेट्रोल बम फेंक रहे हों तो हम अपने जवानो को चुपचाप इसे देखते रहने और मरने के लिए नहीं कह सकते। उन्होंने कहा कि कश्मीर में शुरू हुए डर्टी वॉर से नए तरीकों से निपटना होगा
जनरल रावत ने पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा कि कोर्ट ऑफ इनक्वायरी में कश्मीरी युवक को जीप पर बांधे जाने की घटना की जांच के बीच ही मेजर लितुल गोगोई को सम्मानित करने का मकसद युवा अफसरों का हौसला बढ़ाना था। ये नौजवान आतंकवाद से पीड़ित कश्मीर के बेहद मुश्किल माहौल में काम कर रहे हैं। मेजर लितुल गोगोई ने ही पत्थरबाजों को काबू करने के लिए कश्मीरी युवक को जीप में बांध कर मानव ढाल बनाया था। मेजर गोगोई को सम्मानित करने के सेना के कदम की काफी आलोचना हुई थी। ')}